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फेज: 3
चुनाव तारीख: 23 अप्रैल 2019
गंगा और रामगंगा नदी के बीच बसा बदायूं संसदीय क्षेत्र छोटे सरकार और बड़े सरकार की प्रसिद्ध दरगाह की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है। यह क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता था। वर्ष 1996 से लेकर 2014 तक इस सीट पर सपा का ही कब्जा था लेकिन 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने इस वर्चस्व को तोड़ा। फिलहाल इस सीट से भाजपा की संघमित्रा मोर्या सांसद हैं। इस सीट पर सपा से लगातार चार बार सलीम इकबाल शेरवानी चुनाव जीते थे। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का यहां के लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव रहा है। गंगा और रामगंगा की कटरी डाकुओं की शरणस्थली रही है, लेकिन अब डाकुओं का सफाया हो चुका है। विधानसभा क्षेत्र इस लोकसभा क्षेत्र के तहत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। बड़ी घटनाएं पिछले पांच साल में यहां कई घटनाएं हुई हैं। शहर के मुहल्ला कटरा ब्राह्मपुर में 8 अप्रैल 2015 को चर्चित गुप्ता दंपती हत्याकांड हुआ। रिटायर्ड इंजीनियर बिजेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी सन्नों को घर में ही मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले की सीबीआइ जांच कर रही है, लेकिन अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। वर्ष 2013 में शहर के अल्फा खां सराय में दो बहनों समेत पिता की हत्या की गई थी, इस मामले में मृतक युवती से ट्यूटर के अवैध संबंध उजागर हुए थे। शहर में 20 अक्टूबर 2015 में चर्चित नईम हत्याकांड हुआ था, वह हिस्ट्रीशीटर था। इस घटना से शहर कानून व्यवस्था दांव पर लग गई थी। अक्टूबर 2018 सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के रसूलपुर में आतिशबाजी कारखाने में हुए विस्फोट में 8 लोगों की मौत हो गई थी। विकास का हाल विकास के मामले में यह क्षेत्र पिछड़ापन का शिकार है। दो साल पहले तक यह जिला बड़ी रेल लाइन तक से नहीं जुड़ा था। अब भी कहने को तो बड़ी रेलवे लाइन से जुड़ गया है, लेकिन बड़े शहरों के लिए ट्रेनों का संचालन ही शुरू नहीं हो सका है। गांवों में सड़कों के साथ विद्यालय खुलना शुरू हुए तो जीवन स्तर सुधरा है। हालांकि, अब भी जिले में उद्योगों का अभाव होने से रोजी-रोटी की तलाश में यहां के युवाओं को दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है। गरीबों के आवास तो बनने शुरू हुए हैं, लेकिन अब भी लाखों परिवार गरीबी का दंश झेल रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज, बरेली-बदायूं फोरलेन, शहर के बाहर बाइपास, बदायूं सिंचाई परियोजना, शहर में ओवरब्रिज निर्माण बड़ी उपलब्धि रही है। काशी की तर्ज पर यहां कछला गंगा घाट पर 11 वेदियों पर नियमित गंगा आरती की शुरूआत हुई है, इससे जिले की आबोहवा बदलनी शुरू हो गई है। स्थानीय मुद्दे खेती पर आधारित क्षेत्र में गन्ने की खेती बहुतायत में होती है। गन्ना किसानों का अब भी पिछले साल का करोड़ों रुपये चीनी मिलों पर बकाया है। किसान संगठन इस मुद्दे को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं। बड़ी रेलवे लाइन से जुड़ने के बाद भी यहां से बड़े शहरों के लिए ट्रेनों की कमी भी चुनावी मुद्दा बनेगा। सिंचाई और बाढ़ की दोहरी समस्या से निदान के लिए शुरू हुई बदायूं सिंचाई परियोजना अभी अधूरी पड़ी है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में ओपीडी तो शुरू हो गई, लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई और इमरजेंसी अभी तक शुरू न हो पाने से जनता में आक्रोश है। बदायूं की खास बातें बदायूं, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और लोकसभा क्षेत्र है। यह गंगा नदी के किनारे बसा है। 11वीं शती के एक अभिलेख में इस नगर का तत्कालीन नाम वोदामयूता कहा गया है। बदायूं के स्मारकों में जामा मस्जिद भारत की मध्य युगीन इमारतों में शायद सबसे विशाल है। इसे इल्तुतमिश ने बसाया था। बदायूंनी का मकबरा बदायूं का प्रसिद्ध स्मारक है। इसके अलावा इमादुल्मुल्क की दरगाह पिसनहारी का गुम्बद भी यहां की प्राचीन इमारतों में से एक है। लखनऊ से 291.9 किलोमीटर है वहीं दिल्ली से 286.1 किलोमीटर है।
बदायूं, उत्तर प्रदेश के विजेता
- पार्टी :भारतीय जनता पार्टी
- प्राप्त वोट :511352
- वोट %57
- पुरुष मतदाता1027197
- महिला मतदाता864283
- कुल मतदाता1891576
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट492898
- हार का अंतर18454
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