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फेज: 3
चुनाव तारीख: 23 अप्रैल 2019
वर्ष 1957 बनी आंवला लोकसभा सीट शुरूआत में कांग्रेस बाद में भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां पर 1957 में कांग्रेस के सतीश चन्द्र 1967 व 71 में सावित्री श्याम तथा 84 में कल्याण सिंह सोलंकी सांसद रहे। शुरूआत से ही इस क्षेत्र को जनसंघ का क्षेत्र माना जाता है। स्व. ब्रजराज सिह उर्फ आछूबाबू ने 1962 में जनसंघ तथा 77 में बीएलडी से चुनाव जीता था। उसके उपरांत 1980 में स्व. जयपाल सिंह कश्यप जनता पार्टी से चुनाव जीते थे। उसके बाद यह सीट भाजपा व सपा के बीच में आती जाती रही। भाजपा के राजवीर सिंह 1989, 91 व 98 में, तथा 2009 में श्रीमती मेनका गांधी व 2014 में धमेन्द्र कश्यप यहां से सांसद बने। 2019 में धमेन्द्र कश्यप एक बार फिर चुने गए। वर्ष 1996 व 1999 में सपा प्रत्याशी के रूप कुंवर सर्वराज सिंह सांसद बने तथा 2004 में उन्होंने भाजपा व जदयू गठबंधन में सीट जीती थी। आंवला लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, आंवला, बिथरीचैनपुर, फरीदपुर, बदायूं और शेखूपुर। स्थानीय मुद्दे प्रत्येक सांसद ने विकास की बहुत सी योजनाएं चुनाव के समय प्रस्तुत कीं, लेकिन एक पर भी काम नहीं हो सका। सर्वाधिक राजस्व देने के बाद भी यहां के रेलवे स्टेशन का उच्चीकरण नहीं हो सका है, यहां तक कि एक फुटओवर ब्रिज तक का कार्य कोई सांसद नहीं करा सका है। क्षेत्र के आंवला, बिथरी चैनपुर व दातागंज ऐसे क्षेत्र है जहां पर प्रत्येक सांसद ने चीनी मिल लगाने का वायदा किया लेकिन आज तक यह सपना पूरा नहीं हो सका है। क्षेत्र में कृषि अनुसंधान केन्द्र व राजकीय कृषि विश्वविधालय की स्थापना का वायदा भी अधूरा है। विकास के नाम पर बिथरी चैनपुर, शेखूपुर व दातागंज व फरीदपुर काफी पिछड़ा हुआ है। केवल आंवला में पूर्व सांसद स्व. जयपाल सिंह कश्यप के प्रयासों से इफको की स्थापना वर्ष 1986 में हुई थी। शिक्षा के क्षेत्र में केवल आंवला व फरीदपुर में राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित है, अन्य स्थानों पर अभी तक यह व्यवस्था नहीं हो सकी है। आंवला में लम्बे समय से बीकॉम, बीएड, व एलएलबी की कक्षाओं की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है। आंवला में विश्वस्तरीय जैन तीर्थ अहिच्छत्र के अलावा पांडवकालीन धरोहर के रूप में लीलौर झील है। लगभग सभी नेताओं ने इसे पर्यटन के नक्शे पर विकसित करने की बात कही, लेकिन आज तक इस पर कार्यवाही केवल कागजों तक ही सीमित रही। आंवला की खास बातें आंवला, उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक है। इसके पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। 1962 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। हिंदू महासभा के ब्रिज लाल सिंह यहां के पहले सांसद थे। जैन मंदिर, बेगम मस्जिद, रामनगर किला, भीम गाडा यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। दिल्ली से इसकी दूरी 282.0 किलोमीटर है।
आंवला, उत्तर प्रदेश के विजेता

- पार्टी :भारतीय जनता पार्टी
- प्राप्त वोट :537675
- वोट %59
- पुरुष मतदाता977335
- महिला मतदाता808183
- कुल मतदाता1785605
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट423932
- हार का अंतर113743
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