फॉर्म भरना होगा, दस्तावेज दिखाने होंगे... बिहार में EC ने शुरू किया विशेष गहन सत्यापन; वोटर्स के लिए क्या-क्या बदला?
चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन का कार्य शुरू किया है। राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में एक साथ यह अभियान चलाया जा रहा है जिसमें 7.89 करोड़ मतदाताओं को फिर से गणना फॉर्म भरना होगा और अपने निवास का प्रमाण देना होगा। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को गणना पूरी होने तक अन्य कार्यों से मुक्त रखा गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची से जुड़ी गड़बड़ियों को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में बढ़े चुनाव आयोग ने बिहार से मतदाता सूची के सत्यापन की ऐतिहासिक शुरूआत की है। शनिवार को आयोग ने राज्य के सभी 243 विधानसभाओं में एक साथ मतदाता सूची के सघन सत्यापन का काम शुरू किया।
इस दौरान राज्य के सभी 7.89 करोड़ मतदाताओं को फिर से एक नया गणना फार्म भरना होगा। इसके साथ ही उन्हें देश के निवासी होने के साथ राज्य में अपने रहने के प्रमाण भी मुहैया कराने होंगे।
बीएलओ सत्यापन पूरा होने तक नहीं कर सकेंगे काम
आयोग के मुताबिक, मुहिम में जुटे बूथ लेवल आफीसरों ( बीएलओ ) को उनके मूल दायित्यों से गणना पूरी होने तक मुक्त रखने के निर्देश भी दिए गए। जिसका सभी संभागीय आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट पालन सुनिश्चित कर रहे है। आयोग के मुताबिक भारत का संविधान सर्वोच्च है। सभी नागरिक, राजनीतिक दल और भारत का चुनाव आयोग संविधान का पालन करते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 326 में मतदाता बनने की पात्रता निर्धारित की गई है। जिसमें केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक और उस निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी ही मतदाता बनने के पात्र हैं।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दिए ये आदेश
आयोग के मुताबिक, राज्य में मौजूदा 7.89 करोड़ मतदाताओं में से, 4.96 करोड़ मतदाता ऐसे है, जिनके नाम एक जनवरी 2003 को मतदाता सूची के अंतिम गहन पुनरीक्षण में पहले से ही हैं, जिन्हें बस सत्यापन करना है, गणना प्रपत्र भरना है और उसे जमा करना है। आयोग ने इसके साथ ही सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपने बूथ लेवल एजेंटों को भी प्रमुखता से इस अभियान से जोड़े।
इससे पहले 2003 में हुआ था मतदाता सूची का सघन सत्यापन
मौजूदा समय में इन राजनीतिक दलों ने करीब 1.54 लाखएजेंट (बीएलए) नियुक्ति किए है। साथ ही जरूरत के मुताबिक वे और बीएलए नियुक्त कर सकते है। सत्यापन के लिए बिहार के 5.74 लाख मतदाताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी संदेश भेजे जा रहे है। बता दें कि बिहार में इससे पहले मतदाता सूची का सघन सत्यापन 2003 में हुआ था।
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