पीएम मोदी का जन्मदिन: 24 साल में कितनी बार ली शपथ, कौन-कौन-से रिकॉर्ड हैं उनके नाम?
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फेज: 6
चुनाव तारीख: 12 मई 2019
भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली का ऐतिहासिक महत्व है। यह जैन मतावलंबियों के लिए पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ था। यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केला, आम और लीची के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस सीट का अस्तित्व 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद 1977 में आया। वैशाली क्षेत्र का कुछ हिस्सा हाजीपुर संसदीय सीट में चला गया। मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों और वैशाली विधानसभा को मिलाकर इस संसदीय सीट का गठन किया गया। अब तक वैशाली संसदीय सीट के लिए हुए चुनावों में सबसे अधिक जनता दल और राजद ने मिलाकर सात बार जीत दर्ज की। जनता पार्टी ने दो, कांग्रेस ने एक, बिहार पीपुल्स पार्टी ने एक और लोजपा ने दो बार जीत दर्ज की थी। दिग्विजय नारायण सिंह, मुख्यमंत्री रहे सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा, उषा सिन्हा, शिवशरण सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह इस क्षेत्र के चर्चित नाम हैं। विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी वैशाली के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र हैं। ये हैं-वैशाली, कांटी, मीनापुर, बरूराज, साहेबगंज और पारू। वैशाली को छोड़कर सभी विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर जिले में हैं। वैशाली लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 17 लाख 18 हजार 311 है। राजपूत, यादव और भूमिहार जाति की संख्या सबसे अधिक है। विभिन्न उपजातियों को मिलाने के बाद अतिपिछड़ों और दलितों की संख्या अच्छी-खासी हो जाती है। यहां की साक्षरता दर 66 फीसद के आसपास है। बड़ी घटनाएं और विकास वैशाली के अजीजपुर में वर्ष 2015 में दो पक्षों के बीच मारपीट में पांच लोगों की मौत हो गई। बाद में भीड़ ने पूरे गांव में आग लगा दी। जिनकी हत्या हुई, उनमें दो के शव आग के हवाले कर दिए गए। इसे लेकर पूरे इलाके में तनाव रहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री से लेकर विपक्ष के सारे नेता वहां गए। घटना को याद कर लोग आज भी सिहर जाते। हाजीपुर-सुगौली रेलपथ की आर्थिक बाधा अब दूर हुई है और अब निर्माण चल रहा है। देवरिया-मुजफ्फरपुर पथ का चयन एनएच के लिए हुआ है। कांटी थर्मल की दूसरी यूनिट की भी शुरुआत हुई। सांसद निधि से 142 छोटी-बड़ी सड़कों केनिर्माण का काम हुआ। कांटी से मीनापुर को जोड़नेवाले रघई पुल के पहुंच पथ की बाधा दूर हुई और पुल चालू हो गया है। मोतीपुर स्टेशन के विस्तार की योजना की शुरुआत हुई। सड़क, जलजमाव, सिंचाई, चीनी मिल जैसे स्थानीय मसले भी चुनाव में मायने रखेंगे। वैशाली की खास बातें वैशाली बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में वैशाली विधानसभा क्षेत्र समेत 6 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस क्षेत्र का नाम महाभारत काल के राजा विशाल से लिया गया है। इस क्षेत्र में भगवान महावीर का जन्मस्थान भी है। भगवान बुद्ध यहां काफी समय तक रहे और अपना आखिरी प्रवचन भी दिया। यहां के प्रसिद्ध स्थालों में अशोक स्तंभ, बौद्ध स्तूप, बावन पोखर मंदिर हैं। राजा विशाल का किला और जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख स्थिल कुण्ड लपुर धाम यहीं पर है।
वैशाली, बिहार के विजेता
- पार्टी :लोक जन शक्ति पार्टी
- प्राप्त वोट :568215
- वोट %62
- पुरुष मतदाता932416
- महिला मतदाता803519
- कुल मतदाता1735983
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट333631
- हार का अंतर234584
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