आदर्श आचार संहिता क्या है? झारखंड और महाराष्ट्र में आज से हो सकती है लागू; इससे क्या बदल जाएगा
चुनाव समाचार
- elections
- elections
- elections
'मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं कि..', क्यों और किसलिए होती है पद ग्रहण से पहले शपथ? क्या हैं इसके नियम
elections- elections
- elections
- elections
- elections
- elections
- elections
फेज: 1
चुनाव तारीख: 11 अप्रैल 2019
देवभूमि उत्तराखंड और छोटा चारधाम यात्रा के प्रवेश हरिद्वार संसदीय क्षेत्र की पहचान गंगा तीर्थ, शक्तिपीठ मां मसंसा देवी-चंडी देवी, हरकी पैड़ी और देश की महारत्न कंपनी भेल के साथ-साथ योग-आयुर्वेद और अध्यात्म नगरी के नाम से होती रही है। हाल में इसे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज और योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ से भी जाना व पहचाना जा रहा है। इसके अलावा हाथियों और बाघ के लिए विश्व प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व ने भी इसे अलग पहचान दी है। हरिद्वार की सीमा उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर, बिजनौर और सहारनपुर से लगी होने के साथ-साथ देहरादून और पौड़ी जनपद से भी लगी हुई है। 2004 में सपा के राजेंद्र बाड़ी और 2009 में कांग्रेस के हरीश रावत यहां से सांसद रहे। 2001 की जनगणना के हिसाब से हुए परिसीमन के बाद वर्ष 2011 में इस संसदीय क्षेत्र में देहरादून की तीन विधानसभाओं को जोड़ा गया था। इससे पहले 2004 और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र जिले की 9 विधान सभा हरिद्वार शहर, बहदराबाद, लालढांग, भगवानपुर, लक्सर, मंगलौर, लंढौरा, रुड़की व इकबालपुर विधानसभा के आधार पर हुए थे। 2011 में हुए नए परिसीमन में बहदराबाद, लालढांग, लंढौरा और इकबालपुर चार विधानसभाओं का अस्तित्व समाप्त हो गया, इनकी जगह भेल-रानीपुर, हरिद्वार ग्रामीण, खानपुर, पिरान कलियर, झबरेड़ा और ज्वालापुर छह नई विधान सभा अस्तित्व में आईं। इस तरह वर्तमान में हरिद्वार जिले में कुल 11 विधानसभा अस्तित्व में हैं, विधानसभा के लिहाज से यह राज्य का सबसे बड़ा जिला है। विधानसभा क्षेत्र हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में कुल 14 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 11 हरिद्वार जिले की हरिद्वार शहर, भेल-रानीपुर, ज्वालापुर, हरिद्वार ग्रामीण, लक्सर, रूड़की, पिरान कलियर, भगवानपुर, मंगलौर, झबरेड़ा और खानपुर और तीन देहरादून डोईवाला, धर्मपुर और ऋषिकेश विधानसभा शामिल हैं। राजनीतिक दृष्टि से हरिद्वार में भाजपा-कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी भी अपना वजूद रखती हैं। सपा ने यहां विधानसभा चुनाव में कोई सफलता नहीं पाई, जबकि वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी राजेंद्र बाड़ी ने यहां से जीत दर्ज की थी। डेमोग्राफी -कुल मतदाता :- 18 लाख, 03 हजार 510 -कुल 9 लाख 61 हजार 706 पुरुष मतदाता, 8 लाख 37 हजार 111 महिला मतदाला, 134 थर्ड जेंडर -4559 सर्विस मतदाता -कुल मतदान केंद्र 2253 क्षेत्र में पिछले पांच साल की बड़ी घटना :- -गंगा रक्षा आंदोलन, स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रो जीडी अग्रवाल का देह त्याग करना, ब्रहमचारी आत्मबोधानंद का 120 दिन से इसके निमित्त अनशन करना, सरकार से देह त्याग की अनुमति मांगना। -राममंदिर आंदोलन को हरिद्वार के संतों ने एक बार फिर हवा दी, -भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृत्त शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि और महामंडलेश्वर सीताशरण दास फलाहारी बाबा ने मंदिर निर्माण की तिथि न घोषित होने पर देह त्याग की घोषणा -कई अन्य संतों की मंदिर निर्माण तिथि घोषित न होने पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसके विपरीत परिणाम झेलने की दी चेतावनी -लगातार तीन वर्षों तक खादर क्षेत्र में बाढ़ से हजारों हेक्टेअर फसल का नुकसान -लंढौरा हिन्दू-मुस्लिम दंगा -रायवाला ऋषिकेश विधानसभा में संप्रदायिक तनाव, युवक की मौत, कनखल में बवाल -रुड़की में जेल और तहसील परिसर में बड़ी गैंगवार, करीब 10 लोगों की मौत -अर्द्धकुंभ के दौरान रुड़की से चार आइएसआइएस संदिग्ध आतंकियों का पकड़ा जाना, -हरकी पैड़ी, मंसा देवी-चंडीदेवी और रेलवे स्टेशन समेत सभी प्रमुख स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी, रेलवे स्टेशन पर लगाया गया बम, सुरक्षा बलों ने निष्क्रिय किया -किसानों की समस्याओं, बकाया भुगतान और लोन माफी की मांग को लेकर हरिद्वार से दिल्ली तक किसान क्रांति यात्रा -पूरे जिले में प्रशासन का अतिक्रमण विरोधी अभियान, विरोध में जनता उतरी सड़क पर, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक -छात्रवृत्ति और वीरचंद गढ़वाली बेरोजगार योजना में अरबों का घोटाला पकड़ा जाना -कच्ची जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत -क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में निजी डाक्टरों, अस्पतालों और क्लीनिकों की अनिश्चितकालीन बंदी व हड़ताल विकास का हाल -विकास की दृष्टि से हरिद्वार का हाल बेहद बुरा है, सबसे बड़ी समस्या हरिद्वार-दिल्ली हाईवे के पिछले दस वर्ष से अधूरा पड़ा होना। -पिछले वर्षों में लगी औद्योगिक इकाइयां छूट की समय सीमा खत्म होने के बाद कई इकाइयों ने अपना काम यहां से बंद करना शुरु कर दिया है। इसका कारण औद्योगकि दृष्टि से होने वाले विकास व यहां की जरूरतों का पूरा न होना है। -ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद हरिद्वार में लगातार होने वाली बिजली कटौती ने आम जनता के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र का भी बुरा हाल कर रखा है। -प्रदूषण की दृष्टि से भी हरिद्वार का बुरा हाल है। यहां सीवरेज व्यवस्था ठीक न होने के कारण गंगा में प्रदूषण तो फैल ही रहा है, इसके अलावा तमाम औद्योगिक इकाइयां भूगर्भ जल को भी प्रदूषित कर रही हैं। वायु व ध्वनि प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। इसकी गंभीरता का अनदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पीएमओ कार्यालय ने इसका संज्ञान लेते हुए इसकी नियमित मानीटरिंग शुरू कर दी है। स्थानीय मुद्दे गंगा में प्रदूषण और अवैध खनन के खिलाफ गंगा रक्षा आंदोलन, राममंदिर आंदोलन, अधूरा हाईवे, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, बाढ़ग्रस्त इलाकों की सुरक्षा का ठोस बंदोबस्त का न होना, चिकित्सा और शिक्षा खासकर विशेषज्ञ डॉक्टरों का न होना और प्राथमिक विद्यालय की दयनीय हालत, औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय बेरोजगारों को नियमानुसार रोजगार न मिलना, कच्ची शराब का अवैध कारोबार, अरबों का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ा जाना। हरिद्वार की खास बातें हरिद्वार संसदीय क्षेत्र उत्तराखंड के पांच लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह संसदीय क्षेत्र पहली बार छठवीं लोकसभा के लिए 1977 में अस्तित्व में आया। यह प्राचीन नगर हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। गंगा का उद्गम इसी क्षेत्र से हुआ है। इस क्षेत्र को गंगाद्वार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह वह स्थान है जहां अमृत की कुछ बूंदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब धन्वंतरि उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। यहां पर हर 12वें वर्ष महाकुंभ का आयोजन होता है। प्राचीन काल में कपिलमुनि इसी क्षेत्र में तप करते थे। इससे यह क्षेत्र कपिला के नाम से भी जाना गया। भगरीथ ने गंगा को प्रथ्वी पर लाने के लिए लंबे समय तक यहां पर तपस्या की।
हरिद्वार, उत्तराखंड के विजेता
- पार्टी :भारतीय जनता पार्टी
- प्राप्त वोट :665674
- वोट %69
- पुरुष मतदाता985516
- महिला मतदाता855094
- कुल मतदाता1840738
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट406945
- हार का अंतर258729
राजनीतिनामा
Maharashtra CM: फडणवीस या शिंदे, कौन होगा महाराष्ट्र का असली बॉस? आज हो सकता है सीएम पर फैसला
maharashtraमहाराष्ट्र के नतीजे से सदमे में विपक्ष, उद्धव बोले- लहर नहीं सुनामी थी; राहुल ने कहा- ये अप्रत्याशित
maharashtra- maharashtra
Maharashtra Election Result: बेमेल चुनावी नैरेटिव... महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार के 10 फैक्टर
politics- politics
महाराष्ट्र में इस वजह से उद्धव ठाकरे फैक्टर हुआ फेल? 'असली शिवसेना' और ' असली NCP' पर जनता की मुहर
politics
लोकसभा परिणाम 2024
- पार्टीरिजल्टसीट %
- एनडीए3645
- आइएनडीआइए4354
- अन्य11