राजनाथ सिंह देश की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। भाजपा के शीर्ष नेता होने के साथ ही वह भारत के केंद्रीय गृहमंत्री भी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह लखनऊ सीट से सांसद चुने गए हैं। वह 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वाराणसी में जन्मे राजनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से आचार्य की उपाधि हासिल की है। वह युवावस्था से संघ परिवार से जुड़े हुए हैं। शुरूआत में वह भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बने और बाद में दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। राजनाथ कई बार सांसद रहे हैं और विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। ...
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„