देश की राजनीति का मुख्य चेहरा माने जाने वाले राहुल गांधी अमेठी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। वह 2004 में मुख्य राजनीति में उतरे और अपने पिता के संसदीय क्षेत्र अमेठी से लोकसभा का पहली बार चुनाव लड़ा और विजेता बने। 2007 में वह युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 2009 में वह दोबारा अमेठी लोकसभा से सांसद बने। राहुल प्रख्यात गांधी-नेहरू परिवार से आते हैं। उनके पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इंदिरा गांधी के पिता थे। राहुल का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। वह अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी के बड़े भाई हैं। राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई और इसके बाद वे प्रसिद्ध दून स्कूल में पढ़ने गए, जहां उनके पिता ने भी शिक्षा हासिल की थी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि भी उन्होंने हासिल की। ...
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„