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    Akhilesh Dubey Case: खुला अखिलेश के कारनामों का पिटारा, पुलिस ने निराला नगर की युवती को ढूंढ़ निकाला

    By Jagran News Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:33 PM (IST)

    Akhilesh Dubey Case भूमाफिया अधिवक्ता अखिलेश दुबे के कारनामों का पिटारा खुलने लगा है। निरालानगर की युवती को पुलिस ने खोज निकाला है। अखिलेश की गिरफ्तारी के बाद वह शहर छोड़कर चली गई थी। अखिलेश के इशारे पर वह मुकदमे दर्ज कराती थी। वहीं पुलिस ने अखिलेश के गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश के सर्विलांस को एक्टिव कर दिया है।

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    सलाखों के पीछे भूमाफिया अधिवक्ता अखिलेश दुबे।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। अखिलेश दुबे के जुर्म की दास्तां खत्म नहीं हो रही। कारनामों से लगातार पर्दा उठ रहा है। जमीन कब्जे, रंगदारी और झूठे केस में लोगों को फंसाना, यह सब उसके लिए कोई कठिन काम नहीं था। पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारी उसके मददगार थे। आपरेशन महाकाल से उसकी काली दुनिया खत्म होनी लगी। एक के बाद एक गुनाहों की कहानियां सुनाई देनी शुरू हुईं। अब वो युवती भी पुलिस के हाथ लग गई जो अखिलेश के लिए झूठे केस कराती थी।

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    फर्जी मुकदमे कराकर वसूली के आरोपों में घिरे अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी निराला नगर यू ब्लाक की युवती को भी पुलिस ने ढूंढ़ निकाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में युवती ने अखिलेश और उससे जुड़े सहयोगियों के कई कारनामों का पिटारा खोला है। अखिलेश की गिरफ्तारी के बाद से वह शहर छोड़कर हरदोई स्थित पैतृक गांव में छिपी थी। उसके नाम का राजफाश फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के लिए लड़कियां मुहैया कराने वाले सहयोगी केशवनगर के शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू ने जेल जाने से पहले पूछताछ में किया था, जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में थी।

    निराला नगर में रहती थी युवती

    भाजपा नेता रवि सतीजा ने फर्जी दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराकर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने पर अधिवक्ता अखिलेश और उसके सहयोगी लवी, विमल, शैलेंद्र उर्फ टोनू, अभिषेक व दो सगी बहनों के खिलाफ बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अखिलेश और लवी के साथ ही पुलिस ने शैलेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शैलेंद्र ने ही पूछताछ में निराला नगर यू ब्लाक में रहने वाली एमए पास युवती का नाम बताया था।

    मिलीं अखिलेश से जुड़ी कई जानकारियां

    उसने बताया था कि अखिलेश के इशारे पर उसने वर्ष 2022 व 2023 में गोविंदनगर में एक होटल के मैनेजर समेत दो लोगों पर छेड़छाड़ व दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दोनों ही मामलों में पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है। शैलेंद्र ने रावतपुर के एक और मुकदमे में जिक्र किया था, लेकिन उसमें पिता का नाम अलग पाया गया। हालांकि युवती की गिरफ्तारी को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि युवती ने गोविंदनगर में दर्ज कराए गए मुकदमों और अखिलेश से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां दी हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    भाजपा नेता पर मुकदमा कराने वाली लड़की की बहन की तलाश

    बर्रा के जूही डब्ल्यू ब्लाक निवासी भाजपा नेता व होटल कारोबारी रवि सतीजा व ध्रुव गुप्ता नाम के व्यक्ति पर दिसंबर-2024 में मूलरूप से बिहार की रहने वाली लड़की ने मुकदमा दर्ज कराया था। वादी ने आरोप लगाया था कि सतीजा ने उसकी नाबालिग बहन से दुष्कर्म का प्रयास किया था। पहले विवेचक ने जांच में दुष्कर्म का प्रयास की धारा हटा सामूहिक दुष्कर्म की धारा लगा दी थी, लेकिन जब भाजपा नेता ने अधिकारियों से गुहार लगाई तो दूसरे विवेचक ने जांच की। जांच में मुकदमा झूठा निकला। रवि ने बताया कि ये मुकदमा अखिलेश दुबे ने षडयंत्र रचकर 50 लाख रुपये रंगदारी न देने पर कराया था।

    तलाश के लिए बिहार गई टीम

    एसआइटी ने उसके खिलाफ जांच शुरू की तो रंगदारी, ब्लैकमेलिंग करने, जमीन कब्जाने समेत आरोप सही पाए गए। इसके बाद अखिलेश व उसके गैंग पर बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। अखिलेश व लवी मिश्रा और बाद में शैलेंद्र यादव को पुलिस ने जेल भेजा। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने पांच माह से लापता रही मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की को भी कुछ दिन पहले ढूंढ निकाला। उसके मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराए। इस दौरान उसने अखिलेश दुबे गैंग से जान का खतरा भी बताया। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज पुलिस ने उसे उसके गांव भिजवा दिया। वहीं, पुलिस अब उसकी बहन की तलाश में जुट गई है। तलाश करने उसके बिहार के मूल गांव गई है। अधिकारी के अनुसार, अगर उस लड़की से पूछताछ व बयान में अखिलेश दुबे के खिलाफ मजबूत साक्ष्य मिले तो उसे उसकी बहन के साथ सरकारी गवाह बनाया जा सकता है।

    अखिलेश के गैंग की तलाश के लिए सर्विलांस सक्रिय

    अखिलेश दुबे के गैंग की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच के साथ सर्विलांस टीम इन दिनों काफी सक्रिय है। गैंग के एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों के मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकलवाने के साथ ही उनकी लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।

    एसआइटी की जांच में चिह्नित आरोपित कर रहे संपत्ति बेचने का प्रयास

    आपरेशन महाकाल में आई अखिलेश और गैंग समेत लोगों के खिलाफ जो शिकायतें आपरेशन महाकाल में आई हैं। उसकी जांच कर रही एसआइटी ने कई आरोपितों को चिह्नित भी किया है। पुलिस आयुक्त के स्टाफ आफिसर राजेश पांडेय ने बताया कि एसआइटी को कुछ इनपुट मिले हैं। इसमें जिन आरोपितों को चिह्नित किया गया है। उनमें से कुछ लोग अपनी अवैध तरीके से बनाई संपत्ति को सस्ते दामों पर बेचने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे वह एसआइटी की जांच के रडार व कार्रवाई से बच सकें। उन्होंने अपील की है कि लोग सस्ते के चक्कर में ऐसे लोगों की विवादित संपत्ति खरीदने से बचें। वहीं, सूत्रों के अनुसार अखिलेश के करीबी दक्षिण व मध्य जोन की जमीन बेचने का प्रयास करने में जुटे हैं, जिसमें पुलिसकर्मी भी होने की संभावना है।

    20 लाख की रंगदारी मांगने में अखिलेश की न्यायिक रिमांड की तैयारी

    किदवई नगर पुलिस ने 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में अखिलेश दुबे को न्यायिक रिमांड पर लेने की तैयारी की है। पुलिस ने उसे मुकदमे में तलब किए जाने को लेकर कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। नौबस्ता थानाक्षेत्र के आवास विकास हंसपुरम निवासी शैलेंद्र कुमार ने नौ अगस्त को अखिलेश दुबे, कथित पत्रकार विपिन गुप्ता, बर्रा के मलिकपुरम निवासी अधिवक्ता पंकज दीक्षित, स्वरूपनगर नागेश्वर इन्क्लेव अपार्टमेंट निवासी अनुज मिश्रा समेत अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल 2015 को भूमाफियाओं के सरकारी अधिकारियों से साठगांठ करने की शिकायत तत्कालीन नगर आयुक्त समेत उच्चाधिकारियों से की थी, जिसके बाद 12 मई 2015 को कथित पत्रकार विपिन गुप्ता के जरिए बहाने से बुलाकर अखिलेश ने मारपीट के बाद मुंह में रिवाल्वर डालकर 20 लाख रुपये मांगे थे। रुपये देने से इन्कार पर बाबूपुरवा में उसके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जाजमऊ, कल्याणपुर और फजलगंज थानों में पहले से दर्ज मुकदमों में अज्ञात में उसका नाम खुलवाकर धार्मिक उन्मादी बना दिया गया था।

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