रंगदारी के मामले में अखिलेश दुबे और सहयोगी लवी मिश्रा की रिमांड मंजूर, कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में किया गया पेश
कानपुर कोर्ट ने रंगदारी मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उनके सहयोगी लवी मिश्रा की 14 दिन की न्यायिक रिमांड मंजूर की। भाजपा नेता रवि सतीजा से रंगदारी मांगने के आरोप में दुबे और मिश्रा पहले से ही जेल में हैं। सुरेश पाल नामक व्यक्ति ने किदवई नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी आरोप लगाया गया कि अधिवक्ता दुबे ने उनसे ढाई करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली थी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। एसीजेएम सीनियर डिवीजन 6 की कोर्ट ने ढाई करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उनके सहयोगी लवी मिश्रा का 14 दिन का न्यायिक रिमांड मंजूर कर लिया है। कड़ी सुरक्षा में दोनों को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया।
रिमांड मिलने के बाद दोनों को वापस जेल भेज दिया गया। बर्रा थाने दर्ज भाजपा नेता रवि सतीजा से 50 लाख की रंगदारी मांगने में अधिवक्ता अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा जेल में बंद है।
इन दोनों के खिलाफ स्वरूप नगर निवासी सुरेश पाल ने सात अगस्त को किदवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि उनका साकेत नगर में होटल व बार है।
वर्ष 2021 में अखिलेश व्हाट्सएप काल कर वसूली के लिए धमकाते थे। पहले थोड़े-थोड़े रुपये दिए, फिर उनकी मांग और बढ़ गई। न देने पर धमकी दी गई कि ऐसा फंसाएंगे कि जीवनभर जेल में रहोगे।
इसके बाद अखिलेश ने अपने गैंग के माध्यम से किदवई नगर वाई ब्लाक निवासी एक महिला से 26 मई 2022 में नौबस्ता थाने में सामूहिक दुष्कर्म, पाक्सो, धमकी देने की धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया था।
मुकदमा दर्ज होने के एक ढाई करोड़ रुपये लिए और मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगवाई। विवेचक ने इस मुकदमे में न्यायिक रिमांड का प्रार्थनापत्र कोर्ट में दिया था। इस पर कोर्ट ने दोनों को तलब किया था।
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