Kanpur News: 50 लाख की रंगदारी मांगने में अखिलेश दुबे पर बढ़ीं धाराएं, जल्द लिया जाएगा रिमांड में
कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे पर झूठे मुकदमे दर्ज कराकर वसूली करने के आरोप में पुलिस ने दो धाराएं और जोड़ी हैं। भाजपा नेता रवि सतीजा से रंगदारी मांगने के मामले में दो और धाराएं जोड़ी गई हैं जिनमें जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र शामिल हैं। अखिलेश दुबे के सहयोगियों की भी जांच शुरू हो गई है साथ ही अवैध निर्माणों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।

जागरण टीम, कानपुर। झूठे मुकदमे दर्ज कराकर वसूली के आरोपों में घिरे अधिवक्ता अखिलेश दुबे के खिलाफ दो धाराएं बढ़ाई गईं हैं। बर्रा थाने में दर्ज भाजपा नेता रवि सतीजा से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के प्रकरण में विवेचना कर रहे नौबस्ता थाना प्रभारी ने आरोपितों पर दो और धाराएं बढ़ाई हैं, जिसमें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र शामिल है।
बर्रा थानाक्षेत्र के डब्ल्यू ब्लाक जूही कलां स्थित सोना मेनशन निवासी भाजपा नेता रवि सतीजा ने अधिवक्ता अखिलेश दुबे, कास्मोजिन लांज के पार्टनर लवी मिश्रा, निशा कुमार, गीता कुमारी, विमल यादव, अभिषेक बाजपेई, शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप था कि रंगदारी मांगने के लिए अखिलेश दुबे और उनके सहयोगियों ने झूठा मुकदमा दर्ज कराकर वसूली की। सतीजा के खिलाफ एक महिला ने उसकी नाबालिग छोटी बहन से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। जांच में मुकदमा झूठा पाया गया था, जबकि अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा ने महिला से समझौता कराने के नाम पर 50 लाख रुपये मांगे थे।
डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि बर्रा थाने में दर्ज मुकदमे की जांच के बाद विवेचक नौबस्ता थाना प्रभारी शरद तिलारा ने आरोपितों के खिलाफ दो और धाराएं बढ़ाई है। एक-दो दिन में बढ़ी हुई धाराओं के साथ अखिलेश दुबे को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया जाएगा।
ये धाराएं जुड़ीं
बीएनएस की धारा 308 : झूठे मुकदमे में फंसाकर जबरन वसूली, सजा : दस वर्ष व जुर्माना या दोनों
बीएनएस की धारा 61 (2) : आपराधिक षड्यंत्र, मुख्य धारा के अनुसार सजा
अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को लेकर नहीं हो पाया फैसला
झूठे मुकदमे दर्ज कराकर वसूली करने के आरोप में जेल में बंद अखिलेश दुबे से जुड़े लोगों की भी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। इसी कड़ी में अवैध निर्माणों की जांच भी शुरू हो गई है। इसके लिए एडीएम सिटी डा. राजेश कुमार की अगुवाई में टीम गठित की गई है, जिसमें केडीए सचिव और एसीपी बाबूपुरवा भी शामिल हैं। मंगलवार को कमेटी केडीए मुख्यालय में देर रात तक इन अवैध निर्माणों पर क्या कार्रवाई होनी है, इसको लेकर रात तक मंथन करती रही। हालांकि अभी फैसला नहीं हो पाया है।
किदवई नगर में विवादित किशोरी वाटिका के करीब ही प्लाट नंबर 558 है, जिसमें 10 भूखंड लोगों को बेचे गए हैं। यह भूखंड अखिलेश एंड कंपनी ने ही बेचे हैं। इसके अलावा पार्कों में भी कब्जा करके निर्माण कर लिया गया है। पार्क नगर निगम के हैं। हालांकि इस कमेटी में नगर निगम का कोई अफसर नहीं है। दो दिन से कमेटी बैठक कर रही है। इन निर्माणों में पहले ही केडीए दो बार नोटिस दे चुका है। अब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। पार्क खाली कराने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी जा सकती है। इस बाबत एडीएम सिटी ने बताया कि कमेटी के साथ बैठक हो रही है। बुधवार तक क्या कार्रवाई होनी है यह तय हो जाएगा।
चायना प्लाट से जुड़े सक्रिय रैकेट में मची खलबली
केडीए में चायना प्लाट से जुड़े सक्रिय रैकेट में खलबली मची है। तत्कालीन उपाध्यक्ष जयश्री भोज ने चायना प्लाट से जुड़े 10 मामले पकड़े थे। उन भूखंडों पर कब्जा ले लिया गया। केडीए पनकी आवासीय योजना में एक बार फिर सर्वे करने की तैयारी कर रहा है, जिससे सक्रिय रैकेट में खलबली मची है। इसमें कई कर्मचारी भी फंसेंगे। इसके अलावा शताब्दीनगर में भी चायना प्लाट के तहत फर्जी रजिस्ट्री हुई है। इसी कड़ी में केडीए ने पिछले दिनों पुरानी योजनाओं के दस्तावेज छानने पर दबे करीब 1100 भूखंड चिह्नित किए थे और बाद में उनकी बिक्री करके आय की। सचिव अभय पांडेय ने बताया कि फिर पुरानी आवासीय योजनाओं की जांच कराई जाएगी।
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