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    Akhilesh Dubey Case: एसआईटी जांच के घेरे में आए केडीए अधिकारी, सतीजा से बोले- मुझे बचा लो

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 04:09 PM (IST)

    कानपुर में दुष्कर्म-पाक्सो के झूठे केस में फंसाने और 50 लाख की रंगदारी मांगने के आरोपित अखिलेश दुबे के जेल जाने से कई अधिकारी परेशान हैं। एसआईटी जांच में केडीए के एक अधिकारी का नाम आने पर भाजपा नेता रवि सतीजा से मदद मांगी गई। ऑपरेशन महाकाल की जांच में कुछ और नाम सामने आए हैं जिनसे एसआईटी ने पूछताछ की।

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    एसआईटी जांच के घेरे में आए केडीए अधिकारी

    जागरण संवाददाता, कानपुर। दुष्कर्म-पाक्सो के झूठे केस में फंसा 50 लाख की रंगदारी मांगने के आरोपित अखिलेश दुबे के जेल जाने के बाद से प्रदेश के कई अधिकारियों में खलबली मची है। एसआइटी की जांच के घेरे में आए केडीए के एक अधिकारी ने भाजपा नेता रवि सतीजा से गुहार लगाई है।

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    रवि बोले-अधिकारी ने खुद को फंसते देख कहा कि भइया मुझे बचा लेना। आप ही बचा सकते हो। वहीं, आपरेशन महाकाल के तहत हो रही जांच में कई और नाम भी आ रहे हैं, जिनमें से कुछ लोग बुधवार को एसआइटी से मिले और बयान दर्ज कराए। इस दौरान उनसे घंटों पूछताछ होती रही।

    बर्रा के डब्ल्यू ब्लाक जूही निवासी होटल मालिक व भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रवि सतीजा ने बताया कि अधिवक्ता अखिलेश ने उनसे 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। रुपये न देने पर एक महिला व उसकी बहन के जरिए उनके खिलाफ दुष्कर्म, पाक्सो समेत धाराओं में बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन जांच में आरोप झूठे होने पर मुकदमा एक्सपंज किया गया।

    अखिलेश व उसके गैंग पर कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त से लेकर मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंचे। प्रधानमंत्री व गृह मंत्रालय में भी पत्र भेज गुहार लगाई। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर गठित एसआइटी ने जांच की तो आरोपित दोषी निकले।

    इसके बाद छह अगस्त को रवि सतीजा की तहरीर पर अखिलेश समेत सात नामजद व अन्य अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। रवि ने कहा कि अखिलेश को जमानत न मिले और उसके खिलाफ मजबूत साक्ष्यों के साथ चार्जशीट लगे।

    उसके खिलाफ साक्ष्य जुटाने व विवेचक को एक-एक तथ्य दिखाने के लिए मंगलवार को रातभर नौबस्ता थाने में रहे। उन्होंने बताया कि एसआइटी की जांच में केडीए के एक अधिकारी भी आए हैं, जिनके खिलाफ काल डिटेल रिपोर्ट समेत कई साक्ष्य मिले हैं। सतीजा के मुताबिक, वह अधिकारी अखिलेश के घर विभाग की कई फाइलें लेकर जाता था और उनके निर्देश पर आगे फाइलों को बढ़ाता था।