Akhilesh Dubey Case: अखिलेश दुबे को दोहरा झटका, वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप; गिराई जाएगी किशोरी वाटिका
कानपुर में अखिलेश दुबे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर ग्रीन पार्क के पास वक्फ की जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है जिसमें उनकी बेटी समेत कई लोग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विवादित संपत्तियों पर कब्जे के मामले में केडीए और जिला प्रशासन की रिपोर्ट भी उनके खिलाफ आई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। झूठे मुकदमे दर्ज कराकर वसूली के आरोपों में जेल में बंद अखिलेश दुबे पर कानून की शिकंजा लगातार कस रहा है। बुधवार को अखिलेश दुबे को दोहरा झटका लगा। ग्रीन पार्क के सामने बेशकीमती वक्फ की जमीन कब्जाने के मामले में अखिलेश दुबे के साथ ही उनकी बेटी व अन्य सात के खिलाफ ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
दूसरी ओर विवादित संपत्तियों पर अखिलेश दुबे के कब्जे वाले मामले में कानपुर विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन की संयुक्त रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट अखिलेश के खिलाफ है और नाक का सवाल बनी किशोरी वाटिका को गिराए जाने का आदेश दिया गया है।
ग्रीन पार्क के पास लगभग तीन बीघा जमीन को लेकर अखिलेश दुबे के खिलाफ पूर्व में शिकायत हुई थी और डीएम की एसआइटी उस पर जांच कर रही थी। दैनिक जागरण ने उक्त प्रकरण को पिछले दिनों प्रमुखता के साथ प्रकाशित भी किया था।
अब इस मामले में 80 वर्षीय मोइनुद्दीन आसिफ जाह की तहरीर पर अखिलेश दुबे, उसकी बेटी सौम्या दुबे, भाई सर्वेश दुबे, जयप्रकाश दुबे, शिवांश सिंह उर्फ पप्पू, राजकुमार शुक्ला और इंस्पेक्टर सभाजीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दो आरोपित अज्ञात हैं।
एफआइआर में कहा गया है कि नवाब मंसूर अली की करीब तीन बीघा जमीन को उन्होंने वर्ष 1892 में शेख फखरुद्दीन हैदर को बेच दी। फखरुद्दीन के कोई औलाद न होने पर उन्होंने जमीन वक्फ को दे दी। मोइनुद्दीन आसिफ जाह, शेख फखरुद्दीन की पांचवी पीढ़ी के सदस्य हैं।
आरोप है कि कूटरचित दस्तावेजों के जरिए यह जमीन हथिया ली गई और इसमें गेस्ट हाउस व किराए पर कई कार्यालय संचालित हैं। पुलिस ने उक्त मुकदमें में धोखाधड़ी, कूटरचना, हत्या का प्रयास, धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
वहीं दूसरी एडीएम सिटी डा राजेश कुमार की अगुवाई में केडीए सचिव और एसीपी बाबूपुरवा की कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट बुधवार को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि किशोरी वाटिका कम्युनिटी सेंटर में अनाधिकृत निर्माण गिराया जाएगा। साथ ही नगर निगम पार्क से कब्जे हटाए जाएंगे। किशोरी वाटिका अखिलेश दुबे के लिए नाक का सवाल बनी हुई थी और लंबे समय से वह इसके लिए कानून लड़ रहे थे।
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