विकास दुबे से जुड़े थे अखिलेश दुबे के तार, कानपुर शहर से पलायन कर चुके पीड़ित कारोबारी ने बयां किया खौफ
अखिलेश दुबे के खिलाफ एक और तहरीर दी गई है। विकास दुबे का दबाव डालकर 10 माह तक दो-दो लाख रुपये की वसूली की थी। इस मामले में होटल कारोबारी ने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी है। उसने बताया कि अखिलेश की वजह से उसे जेल तक जाना पड़ा था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। झूठे मुकदमे दर्ज कराकर लोगों से वसूली के आरोपों में जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेश दुबे के तार पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बिकरू कांड के खलनायक विकास दुबे से भी जुड़े थे। 15 अगस्त को पुलिस आयुक्त से शहर छोड़कर जा चुके एक होटल कारोबारी ने मुलाकात की। आरोप लगाया कि विकास दुबे के दबाव में उसने वर्ष 2010 से 2011 के बीच दस महीने तक अखिलेश दुबे को दो लाख रुपये प्रतिमाह की रंगदारी दी। जब रंगदारी की रकम बढ़ाई गई और वह दे नहीं सका तो उसके खिलाफ छह झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए गए। पांच साल उन्होंने जेल में बिताया। पुलिस आयुक्त ने जांचकर मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं।
तात्याटोपे नगर निवासी ओम जायसवाल ने पुलिस आयुक्त को दी तहरीर में कहा है कि वर्ष 2010 तक वह कानपुर का एक प्रतिष्ठित उद्योगपति था। उनके पास दो होटल, एक आटा मिल एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान थे। इसी दौरान कुख्यात अपराधी विकास दुबे एवं उसका साथी अखिलेश दुबे उनके पास आए और होटल संचालन को बाधित करने तथा मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी देकर दो लाख रुपये प्रतिमाह की रंगदारी मांगी। परिवार की सुरक्षा के लिए उन्होंने कई महीनों तक रंगदारी दी। यह रकम अखिलेश दुबे को दी जाती थी।
10 माह बाद आरोपितों ने रंगदारी की रकम बढ़ाकर पांच लाख रुपये महीने कर दी, जिसे दे पाना उनके लिए असंभव था। वह तत्कालीन पुलिस महानिदेशक से लखनऊ जाकर मिले, मगर कोई मदद नहीं मिली। परिस्थितिवश उन्हें कानपुर छोड़ना पड़ा। तहरीर में ओम जायसवाल ने बताया कि होटल क्लासिक रीजेंसी के नाम से जो होटल था, उसे उन्होंने अपने मामा को सौंपा दिया लेकिन आरोपितों ने उन्हें भी धमकाकर हटा दिया। बाद में उनकी अनुपस्थिति में उस होटल को इन्हीं लोगों ने मात्र 12.36 करोड़ में बेच दिया, जबकि वह 25 करोड़ का था।
तहरीर में यह भी आरोप हैं कि विकास दुबे व अखिलेश दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र करके कई झूठे मुकदमे दर्ज करवाए, जिनके कारण उन्हें लंबी अवधि तक जेल में रहना पड़ा। दैनिक जागरण संवाददाता ने भी पीड़ित कारोबारी ओम जायसवाल और उनके वकील राजेंद्र खत्री से बात की तो उन्होंने बताया कि विकास दुबे व अखिलेश दुबे ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य गंभीर धाराओं में छह मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें वह पांच साल तक जेल में भी रहे। दो मुकदमों में वह बेदाग छूट चुके हैं। चार अन्य अदालत में विचाराधीन हैं। ओम जायसवाल ने बताया कि सुरक्षा कारणों ने वह यह नहीं बता सकते हैं कि वर्तमान समय में वह कहां रह रहे हैं।
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