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    IIT Kanpur पहुंचे ISRO के पूर्व चेयरमैन ने कहा, अंतरिक्ष में अनुसंधान स्टेशन का सपना जल्द होगा पूरा

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:41 PM (IST)

    आईआईटी कानपुर में इंजीनियर्स कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में साइबर फिजिकल सिस्टम की भूमिका बताई। इसरो के पूर्व चेयरमैन ने अंतरिक्ष स्टेशन पर अनुसंधान की बात कही, जिसके लिए 35 विषय चुने गए हैं। जेडी पाटिल ने इंटेलीजेंट सिस्टम की बढ़ती मांग और चिप डिजाइनिंग में भारत की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने साइबर फिजिकल सिस्टम के बढ़ते प्रयोग को रेखांकित किया।

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    आइआइटी कानपुर में शुरू हुए इंजीनियर कॉन्क्लेव के बारे में जानकारी देने के दौरान बाएं से प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ,डॉक्टर एस सोमनाथ और जेडी पाटिल। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। भारतीय सेना (Indian Army) ने बगैर दुश्मन देश में कदम रखे आपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) का विजय अभियान पूरा किया है। इसमें साइबर फिजिकल सिस्टम और इंटेलीजेंट सिस्टम की अहम भूमिका रही है। आइआइटी कानपुर में मंगलवार से शुरू हुए इंजीनियर्स कान्क्लेव में आए विशेषज्ञों ने मीडिया से बातचीत में यह बात कही।

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    इसरो (ISRO) के पूर्व चेयरमैन डा. एस सोमनाथ ने कहा कि भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनने के बाद देश के शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थानों को अंतरिक्ष प्रयोग करने की सुविधा मिल सकेगी। इससे चंद्रमा पर भारतीयों के जाने और लौटने का सपना भी पूरा हो सकेगा। अंतरिक्ष स्टेशन में अनुसंधान के लिए भारत सरकार ने अभी से 35 महत्वपूर्ण टापिक चयनित कर लिए हैं।

    इंडियन नेशनल एकेडमी आफ इंजीनियरिंग के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार की डिफेंस एडवाइजरी कमेटी के सदस्य जेडी पाटिल ने कहा कि पूरी दुनिया में इंटेजीजेंट सिस्टम और साइबर फिजिकल सिस्टम की जरूरत बढ़ रही है। आपरेशन सिंदूर के बाद अब इस तरह के उपकरण और इंजीनियरिंग की मांग बढ़ी है। इस दिशा में भारत को तेजी से आगे बढ़ना होगा।

    डा. एस सोमनाथ ने बताया कि इंटेलीजेंट सिस्टम और साइबर फिजिकल सिस्टम पर केंद्रित इस कांक्लेव में कंप्यूटर, मशीन, रोबोटिक्स, एआइ, सेंसर तकनीकी व इंजीनियरिंग पर चर्चा के बाद देश के लिए एक नीति पर विचार किया जाएगा। संबंधित पालिसी रिपोर्ट बाद में भारत सरकार को सौंपी जाएगी।

    आइआइटी निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि साइबर फिजिकल सिस्टम का प्रयोग जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। हर रोज ऐसे नवाचार हो रहे हैं जिनमें साइबर टेक्नीक और अन्य इंजीनियरिंग का प्रयोग कर ऐसे उपकरण बनाए जा रहे हैं जो वर्तमान परिदृश्य को पूरी तरह बदलने के लिए तैयार हैं। आयोजन में शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राएं भी शामिल हो रहे हैं। इसका लाभ अनुसंधान एवं शोध कार्यों में मिल सकेगा।

    चिप डिजाइनिंग में भारत अगुवा

    जेडी पाटिल ने कहा कि सेमी कंडक्टर इंडस्ट्री के लिए चिप डिजाइनिंग में भारतीय सबसे आगे हैं। दुनिया में जितने भी चिप डिजाइनर हैं उनमें 20 प्रतिशत भारतीय हैं। भारत सरकार ने अब इस दिशा में ऐसे कदम उठाए हैं जिससे चिप डिजाइनिंग क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का डिफेंस कारीडोर ने भी उत्पादन व अनुसंधान गतिविधियों को तेज किया है। लैंड बैंक और उत्पाद परीक्षण सुविधाओं की वजह से यूपी में उद्योगों का तेजी से आगमन हो रहा है। पूरे देश में 35 से 40 प्रतिशत तक रक्षा क्षेत्र का निर्माण बढ़ा है। इससे निर्यात भी बढ़ रहा है। इसमें भी इंटेलीजेंट सिस्टम की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन से युवा अनुसंधानकर्ताओं को नई दिशा मिलेगी।

    अंतरिक्ष में अनुसंधान स्टेशन की तैयारी कर रहा भारत

    इसरो के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने 2040 तक अपने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना का लक्ष्य रखा है। अंतरिक्ष स्टेशन पर माइक्रो ग्रैविटी की स्थिति मिल सकेगी। जिसमें अनुसंधान का मौका भारत को मिलने जा रहा है। अभी 35 ऐसे विशेष शोध टापिक की पहचान की गई है जिसके तहत अंतरिक्ष स्टेशन में अनुसंधान कार्य किए जा सकेंगे। विकसित देशों में अंतरिक्ष युद्ध की खतरे संबंधी सवाल पर कहा कि ध्यान रखें कि अंतरिक्ष का अस्तित्व य़ुद्ध के लिए नहीं है।

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