Weather Updates: यूपी के इस जिले में शीत लहर का प्रकोप, जानें 48 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान
Weather Updates: इटावा में शीत लहर के कारण लोग दिनभर गलन भरी सर्दी में ठिठुरते रहे, दोपहर में धूप निकलने के बावजूद राहत नहीं मिली। न्यूनतम तापमान 7.2 ...और पढ़ें

चकरनगर- लखना रोड पर मंगलवार को छाया कोहरा। जागरण
जागरण संवाददाता, इटावा। Weather Updates: सुबह से चल रही शीत हवाओं और दोपहर तक बदली होने की वजह से आम जनमानस गलन भरी सर्दी में ठिठुरते रहे। हालांकि दोपहर 12 बजे के बाद धूप निकली जरूर लेकिन शीत लहर की वजह से बेअसर रही और लोग सर्दी से बचने के लिए खुद गर्म कपड़े पहने और सिर ढंके रहे बावजूद उनकी ठिठुरन दूर नहीं हुई और दिनभर ठिठुरते रहे। कुल मिलाकर लोगों को साल के अंतिम दिन राहत कतई नहीं मिली। बुधवार को न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस था।
पिछले दो सप्ताह से पड़ रही हाड़कंपाऊ सर्दी से आम जनमानस गर्म कपड़े पहने होने के बावजूद कांपने की वजह से आग का सहारा ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में बेजुबान घुमंती पशु सर्दी में रात तो जैसे- तैसे इधर- उधर जहां भी जगह मिलती है सिकुड़े रहते हैं। इनमें गोवंश, बंदर व कुत्ते शामिल हैं। दिन भर तो यह सभी इधर- उधर घूम फिर और उछल कूद कर बिता लेते हैं, जबकि शाम ढलने के साथ ही गलन भरी सर्दी का दौर शुरू होते ही इनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं।
बुधवार को बदली के दौरान घूमने वाले कुत्ते के बच्चे पेड़ के नीचे टाट पर सिकुड़े पड़े थे, वहीं दोपहर में धूप निकलने पर यह धूप में खड़े दिखाई पड़े। बात गोवंशी की करें तो यह भी रात में पड़ने वाले कोहरे से बचने के लिए सिर छिपाने के लिए बैठ जाते हैं। लेकिन दिन में मौसम साफ होने और धूप निकलने पर गोवंश सड़क अथवा चौराहों पर खड़े अथवा बैठे नजर आते हैं। मौसम विज्ञानी डा.एसएन सुनील पांडेय ने अगले 48 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान बताते हुए कहा कि बादल छाए रहेंगे, हल्की धूप भी निकल सकती है। बूंदा बांदी और बारिश की संभावना न के बराबर है। सुबह, शाम कोहरा और धुंध बना रहेगा, दोपहर के बाद धूप निकल सकती है।
बसों में किए गए हैं सर्दी से बचने के इंतजाम
रोडवेेज के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके नागर ने बताया कि यात्रियों को सर्दी में यात्रा के दौरान परेशानी न हो सभी बसों में शीशे कंपलीट हैं। लंबी दूरी की बसों में सभी मौसम में काम करने वाले बल्ब (आल वेदर बल्ब) लगाए जा चुके हैं। बसों के पीछे रिफ्लेक्टिव टेप लगे हुए हैं। सर्दी के मौसम में यात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखकर सारे इंतजाम पहले ही करा लिए हैं। ताकि रोडवेज की आय प्रभावित न हो सके।
बुधवार को डाउन की शताब्दी रही निरस्त
15 दिनों से सर्द हवाओं और घने कोहरे का असर यात्रियों के साथ ट्रेनों पर साफ देखा जा रहा है। ट्रेनों के निरस्त और देरी से आने के कारण अब यात्री अपनी यात्राओं को निरस्त करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। जिससे रेलवे के राजस्व को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बुधवार को डाउन की शताब्दी निरस्त रहने के साथ मंगलवार को आने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस 16 घंटे और दरयाई एक्सप्रेस साढ़े 13 घंटे की देरी से चलकर दूसरे दिन बुधवार की दोपहर बाद जंक्शन पर पहुंची। इसके अलावा अप व डाउन की डेढ़ दर्जन यात्री ट्रेनें भी 1 घंटे से लेकर साढ़े दस घंटे से भी अधिक की देरी से आयी।
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