यूपी के इस जिले में पर्यटन कॉरिडोर बनाने की योजना, इको टूरिज्म से जानेंगे प्रकृति का महत्व
कानपुर और बिठूर में पर्यटन में भारी वृद्धि देखी गई है, जहाँ 2024 में 70 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे। ग्रामीण पर्यटन और इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है, ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। बीता हुआ वर्ष पर्यटन के लिहाज से बहुत उपयोगी साबित हुआ। ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देकर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की शुरुआत हुई। जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बने प्राचीन स्थल, मंदिर और आकर्षण के केंद्र को ग्रामीण पर्यटन योजना के जरिये बढ़ावा मिला।
बिठूर की टिकैट राय बारादरी और अकबरपुर के ऐतिहासिक शुक्ला तालाब को हेरिटेज होटल, संग्रहालय, रेस्टोरेंट, रिजार्ट, थीमैटिक पार्क, होम स्टे, माल और वेलनेस सेंटर के रूप विकसित किया जाएगा। वहीं, रामायण थीम पार्क की अधूरी योजना का आज भी शहर को इंतजार है। पेश है जागरण संवाददाता अंकुश शुक्ल की रिपोर्ट...
पैराणिक व प्राचीन स्थलों में आए पर्यटक
वर्ष 2025 में शहर और उससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बने पौराणिक और प्राचीन स्थल देश-विदेश के लोगों के पसंदीदा पिकनिक स्पाट बन गए हैं। जहां पर भ्रमण करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक परिवार के साथ पहुंच रहे है। वर्ष 2025 में पर्यटन विभाग की ओर से हुए सर्वे में 75,84,703 पर्यटक शहर के तथा 19,61,195 पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों में बने स्थल का भ्रमण करने के लिए पहुंचे।

इन देशों और राज्यों से पहुंचे पर्यटक
इसमें देश के कई राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के साथ ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर सहित कई विदेशी पर्यटक परिवार के साथ पहुंचे। देशभर में पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे कानपुर के जेके मंदिर, मोतीझील, नानाराव बिठूर, ब्रह्मावर्त घाट, बाबा आनंदेश्वर मंदिर, इस्कान मंदिर, अटल घाट, गंगा बैराज, भीतरगांव मंदिर, भगवान जगन्नाथ मंदिर, श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, कानपुर प्राणी उद्यान, ब्लू वर्ल्ड, वाल्मीकि आश्रम, शुक्ला तालाब, मुक्ता देवी मंदिर सहित करीब 20 पौराणिक और प्राचीन स्थलों में रिकार्ड स्तर पर पर्यटक देश-विदेश से पहुंचे।

सबसे ज्यादा ये आकर्षण का केंद्र
पर्यटन विभाग की ओर से वर्ष 2025 जारी की गई रिपोर्ट में बाबा आनंदेश्वर मंदिर के साथ बिठूर और घाटमपुर के प्रसिद्ध मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। युवा पर्यटकों के लिए बिठूर स्थित थीम पार्क और गंगा बैराज और वोट क्लब के प्रमुख केंद्र बने। वर्ष 2025 की तुलना में शहर में पर्यटक की संख्या में तीन गुणा वृद्धि हुई है।
अयोध्या व मथुरा के बाद सबसे ज्यादा कानपुर आए पर्यटक
उप्र में अयोध्या और मथुरा के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक शहर पहुंचे। वर्ष 2023 में 28 लाख के करीब थी, वो एक वर्ष बाद वर्ष 2024 की गणना में 70 लाख से ज्यादा और वर्ष 2025 में एक करोड़ तक पहुंच गई है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की विरासत देश-विदेश के पर्यटकों को खूब भा रही है। अयोध्या में रामलला मंदिर में रिकार्ड स्तर पर पहुंच रहे देश-विदेश के पर्यटक बिठूर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण और इको टूरिज्म से रोजगार कराया उपलब्ध
उप्र पर्यटन विभाग की जनपदों में पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए ग्रामीण पर्यटन की दिशा में काम किया। इसमें प्राकृतिक परिवेश वाले ग्रामीण मनोरम स्थल को पर्यटन का केंद्र बनाना और वहां पर रोजगार सृजन के नए साधन उपलब्ध कराए गए। चयनित गांव, जहां मूलभूत सुविधाएं और प्राकृतिक स्थल को इको टूरिज्म बनाया गया।
मिलेगा रोजगार
पर्यटन विभाग ग्रामीण पर्यटन का कारीडोर बनाने के लिए की दिशा में काम कर रहा है। इसमें एक हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिला। इसके लिए वहां पर ई-बस चलाकर बेहतर आवागमन की व्यवस्था की जाएगी। कानपुर दर्शन योजना से भी शहर के पर्यटन स्थलों तक शहरी व अन्य शहरों से आ रहे पर्यटकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
अधूरा रह गई रामायण थीम पार्क
पर्यटन मंत्रालय की ओर से स्वदेश दर्शन योजना से मोतीझील के तुलसी उपवन में बना रामायण थीम पार्क शुरू नहीं हो सका। कई बार ट्रायल के बाद भी थीम पार्क शहरवासियों के लिए दूर की कौड़ी बना हुआ है। इसमें डिजिटल रामायण, लाइट एंड साउंड शो के जरिये रामायण का प्रसारण किया जाएगा। करीब साढ़े पांच करोड़ की लागत से वर्ष 2018 में शुरू हुआ थीम पार्क आज भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो सका। पर्यटन विभाग की ओर से नगर निगम को हैंडओवर करने के बाद भी करोड़ों का थीम पार्क बदहाल पड़ा हुआ है।
पर्यटन ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले पर्यटन स्थल का महत्व बताने के लिए कानपुर दर्शन योजना की शुरुआत की गई। इसके साथ ही औद्योगिक दर्शन से विरासत को सहेजा जा रहा है। कानपुर दर्शन योजना में शहर के स्कूल-कालेज के छात्र-छात्राओं को पर्यटन स्थल का भ्रमण कराया जा रहा है। इसके साथ बिठूर, सरसौल, घाटमपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों की विरासतों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- डा. अर्जिता ओझा, जिला पर्यटन अधिकारी।

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