आशा
आशा ही जीवन है, निराशा ही मृत्यु है। आशा मनुष्य के जीवन में शक्ति का संचार करती है, जबकि निराशा उसे पतन की ओर ले जाती है।
आशा ही जीवन है, निराशा ही मृत्यु है। आशा मनुष्य के जीवन में शक्ति का संचार करती है, जबकि निराशा उसे पतन की ओर ले जाती है। आशा मनुष्य का शुभ संकल्प है। मनुष्य की प्रत्येक उन्नति, सफलता और लक्ष्य की प्राप्ति का संचार आशा से ही है। जैसे-दीप का प्रकाश, अग्नि का ऊर्जा और समुद्र का लहरों से है, वैसे ही आशा का मनुष्य से अटूट संबंध है। मनुष्य परिस्थितियों का गुलाम नहीं होता, वह अपनी किस्मत खुद तय कर सकता है, लेकिन ऐसा तभी संभव है जब वह आशावादी होगा। आशावादी व्यक्ति अपनी क्षमता और कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए ही अपना लक्ष्य तय करता है। उसे यह भान होता है कि राह में जटिल हालात से उसका मुकाबला होगा। इसलिए वह विपरीत परिस्थितियों में कभी विचलित नहीं होता। वह आवश्यक साधन जुटाकर अपनी लगन व मेहनत से मुश्किल हालात का मुकाबला करता है और ऐसी परिस्थितियां भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पातीं। आखिर में सफलता उसके कदम चूमती है। यह आशा का ही कमाल है कि मनुष्य बड़ी-बड़ी मुसीबतों को हंसते-हंसते जीत लेता है। आशावादी दृष्टिकोण मनुष्य की क्षमता और दक्षता को बढ़ाता है और इससे सफलता उसके और करीब आ जाती है। जहां आशा ही नहीं वहां प्रयास कैसे हो सकता है और जब कोई प्रयास ही नहीं होगा तो फिर सफलता मिलनी असंभव है।
आशावादी व्यक्ति से ही यह उम्मीद की जा सकती है कि वह मिट्टी से सोना पैदा कर सकता है। आशावादी कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाता, बल्कि वह दूसरे के बढ़े हुए हाथों को थामकर उन्हें नई जिंदगी देता है। जीवन का आनंद संघर्षों से लड़कर जीने में ही है और मनुष्य आशावादी होकर ही संघर्ष कर सकता है। आशा ही उसे सफलता, सुख व आनंद सब कुछ दिलाती है। इसके विपरीत निराश व्यक्ति कोशिश करने से पहले ही अपने को हारा हुआ मान लेता है। निराशा से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक क्षमता भी घटती जाती है। इस वजह से भी सफलता उससे दूर भागती जाती है। और जो व्यक्ति पूरी तरह निराश हो जाता है वह अपना जीवन ही समाप्त कर देता है। स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि मनुष्य के लिए निराशा से बढ़कर दूसरा कोई पाप नहीं है। हमें निराशा का विनाश करके आशा को अपना धर्म बनाना चाहिए। अपने जीवन-उद्देश्य को हासिल करने के लिए हमें सबसे पहले आशावाद का सहारा लेना चाहिए।
[ शंभूनाथ पांडेय ]
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।