विचार: जटिल कर प्रणाली से मिली मुक्ति, बदलावों से करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे
नई जीएसटी व्यवस्था के साथ-साथ नए इनकम टैक्स कानून के तहत नए बदलावों के कार्यान्वयन से देश के करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे और भ्रष्टाचार भी नियंत्रित होगा। जीएसटी और इनकम टैक्स के तहत नए अहम कर सुधारों से करदाताओं की संख्या बढ़ाने टैक्स जटिलता और मुकदमों में कमी लाने और टैक्स संग्रहण बढ़ाने में मदद मिलेगी।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी। हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और इनकम टैक्स में नए साहसिक सुधारों से न केवल आम आदमी की जिंदगी आसान होगी, बल्कि देश विकसित भारत की राह पर भी तेजी से आगे बढ़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि नए कर सुधारों से इसी वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
इसी तरह दुनिया के विभिन्न आर्थिक और वित्तीय संगठनों की रिपोर्ट में भी जीएसटी और इनकम टैक्स में किए गए सुधारों से भारत के तेज गति से विकास की संभावनाएं प्रस्तुत की जा रही हैं। गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने चार टैक्स स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में बदलाव करते हुए 5 और 18 प्रतिशत स्लैब वाले दो-स्तरीय जीएसटी को मंजूरी दी है।
हालांकि अहितकर वस्तुओं की श्रेणी में आने वाली कुछ वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लागू होगा। जीएसटी में हुए सुधारों के तीन बड़े आधार हैं। पहला, संरचनात्मक सुधार। इसमें टैक्स ढांचे को और बेहतर किया गया है। दूसरा, टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाया गया है, ताकि जरूरी वस्तुएं सस्ती हों। तीसरा, नए रजिस्ट्रेशन और रिफंड को आसान बनाया गया है। इससे इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट में संतुलन आएगा।
जीएसटी के रजिस्ट्रेशन से लेकर पालन प्रतिवेदन की प्रक्रिया भी आसान की गई है। कारोबारी अब सिर्फ तीन दिन में जीएसटी पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेंगे। उन्हें सात दिनों में रिफंड देने की व्यवस्था होगी। कच्चे माल और तैयार माल की दरों में भिन्नता होने के कारण इनपुट टैक्स रिटर्न में होने वाली दिक्कतों को भी समाप्त कर दिया गया है।
जीएसटी दरों में नए बदलाव से वर्तमान में 12 प्रतिशत जीएसटी वाली लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं अब पांच प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी। जबकि 28 प्रतिशत टैक्स वाली लगभग 90 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी। नए बदलाव से आम आदमी से लेकर किसान और छोटे उद्योगों के इस्तेमाल में आने वाली सैकड़ों वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।
इससे घरेलू खपत में जोरदार तेजी आएगी। मध्य वर्ग उत्पादों की खरीद पर पैसा खर्च करेगा और मांग बढ़ने से निजी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार को भी उम्मीद है कि 47,000 करोड़ रुपये के सालाना राजस्व नुकसान के बावजूद इससे बाजार की गतिविधियों में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था को जिस तरह रफ्तार मिलेगी, उससे तात्कालिक नुकसान की सरलता से भरपाई हो जाएगी।
आम आदमी एवं मध्यवर्गीय लोगों को कीमतों में राहत मिलेगी और उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। बाजार में नकदी प्रवाह भी बढ़ेगा। जो छोटे उद्योग ट्रंप टैरिफ के कारण निर्यात घटने को लेकर चिंतित हैं, उन्हें घरेलू उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग से बड़ा सहारा मिलेगा।
जीएसटी घटने से औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर सर्विस सेक्टर तक में मांग बढ़ती हुई दिखाई देगी। अनुमान है कि देश में जीएसटी घटने से करीब दो लाख करोड़ रुपये की खपत बढ़ेगी और निर्यात को भी नई गति मिलेगी।
मांग एवं उत्पादन बढ़ने से जीडीपी में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। वैश्विक स्तर पर भारत की ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग भी सुधरेगी। जीएसटी के दो स्लैब बनने से इसके कार्यान्वयन और लेखांकन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
केंद्र सरकार जीएसटी में बदलाव से साथ-साथ इनकम टैक्स को भी आसान और राहतकारी बनाने के लिए तेजी से आगे बढ़ी है। इनकम टैक्स बिल, 2025 राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब कानून बन गया है। यह कानून मौजूदा इनकम टैक्स कानून, 1961 की जगह लेते हुए एक अप्रैल, 2026 से लागू किया जाएगा। वस्तुतः नया इनकम टैक्स कानून महज कुछ धाराओं का बदलाव नहीं, बल्कि पूरी टैक्स व्यवस्था का कायापलट करने वाला है। इससे देश में टैक्स सिस्टम के डिजिटल और सरल युग का नया दौर शुरू होगा।
इस नए कानून के तहत टैक्स कानूनों के मकड़जाल को खत्म कर एक ऐसी प्रणाली निर्मित होगी, जो सहज और आम करदाताओं के लिए लाभकारी होगी। इससे नए करदाता अपनी आमदनी के मुताबिक इनकम टैक्स देने के लिए तत्पर होंगे।
नया इनकम टैक्स कानून पुराने कानून को लगभग 50 प्रतिशत तक सरल बनाता है। नया कानून गृह संपत्ति से होने वाली आय से जुड़ी अस्पष्टताओं को दूर करता है। नए कानून के माध्यम से टैक्स कानून में अप्रासंगिक हो चुके प्रविधानों को हटा दिया गया है।
नई जीएसटी व्यवस्था के साथ-साथ नए इनकम टैक्स कानून के तहत नए बदलावों के कार्यान्वयन से देश के करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे और भ्रष्टाचार भी नियंत्रित होगा। जीएसटी और इनकम टैक्स के तहत नए अहम कर सुधारों से करदाताओं की संख्या बढ़ाने, टैक्स जटिलता और मुकदमों में कमी लाने और टैक्स संग्रहण बढ़ाने में मदद मिलेगी।
देश के उद्योग-कारोबार ट्रंप की टैरिफ चुनौतियों का मुकाबला करते हुए देश को आर्थिक रफ्तार देंगे। इससे तेजी से बढ़ने वाला कर संग्रहण देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हुए दिखाई देगा।
(लेखक अर्थशास्त्री हैं)
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