उन्नाव में गेल इंडिया स्टेशन में चार घंटे से प्राकृतिक गैस रिसाव, वाहनों और आसपास जाने से लोगों को रोका
उन्नाव में गेल इंडिया के एक स्टेशन पर गैस रिसाव की घटना सामने आई है। सुरक्षा कारणों से वाहनों और लोगों को प्रभावित क्षेत्र के आसपास जाने से रोक दिया ग ...और पढ़ें

गैस रिसाव के बाद अचलगंज के लोहचा के पास खड़ी फायर बिग्रेड की गाड़ी। जागरण
संवाद सूत्र, अचलगंज (उन्नाव)। उन्नाव के लोहचा में बने गेल इंडिया प्राकृतिक गैस स्टेशन में बुधवार शाम लगभग 4:30 बजे पाइपलाइन व वाल्व फटने से तेजी के साथ लीकेज शुरू हो गई। इससे पूरे क्षेत्र में खलबली मच गई। पुलिस ने मार्ग से हो रहे आवागमन को बंद करा दिया। स्टेशन के कर्मियों ने रिसाव रोकने की कोशिश की पर सफल न होने पर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी।
कोई बीड़ी व सिगरेट न जला पाए, इसके लिए पुलिस ने करीब एक किमी दूरी पर फैलकर वहां से लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी। एहतियात के तौर पर दमकल भी मौके पर पहुंच गई है। गेल इंडिया के कानपुर से आए इंजीनियर लीकेज को रोकने का प्रयास करते रहे। सीओ बीघापुर मधुपनाथ मिश्र ने बताया कि रात 8:30 बजे तक लीकेज कम तो किया गया पर पूरी तरह से रुका नहीं।
स्टेशन में ड्यूटी पर मौजूद सचिन विश्वकर्मा ने बताया कि बुधवार दोपहर लगभग 2:30 बजे धीमी गति से रिसाव शुरू हुआ। जिससे रोकने का प्रयास किया गया। शाम लगभग 4:30 बजे रिसाव तेज हो गया। इस पर उच्चाधिकारियों व पुलिस को जानकारी दी गई। कानपुर यूनिट से शाम लगभग छह बजे गेल इंडिया के सीनियर इंजीनियर राहुल तिवारी, चीफ प्रबंधक ऋषि कुमार अपनी टीम के साथ पहुंचे।
उन्होंने बताया कि लखनऊ की टीम भी पहुंच रही है। पाइप लाइन में लीकेज है जिसे बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि प्राकृतिक गैस की यह पाइप लाइन गुजरात के हजीरा से चलकर प्रयागराज के फूलपुर इफको खाद कंपनी तक पहुंचती है। बताया इसी प्राकृतिक गैस को मिक्स कर एलपीजी व सीएनजी का निर्माण होता है। गैस ज्वलनशील होती है।
विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय से अनुमति के बाद ही पूरी सप्लाई को रोका जा सकता है। हालांकि इसकी नौबत नहीं आने दी गई। टीम लगभग रिसाव को रोकने में सफल हो चुकी है। जो हल्का रिसाव शेष है, उसे भी जल्द रोक लिया जाएगा। बताया कि मौसम में नमी के चलते कई बार पाइप लाइन में लीकेज हो जाता है।
कहां-कहां होता प्राकृतिक गैस का उपयोग
प्राकृतिक गैस का उपयोग मुख्य रूप से बिजली उत्पादन, घरों और इमारतों को गर्म करने, खाना पकाने और मिक्स कर सीएनजी व पीएनजी व एलपीजी को बनाने में किया जाता है। साथ ही प्लास्टिक, उर्वरक और अन्य पेट्रोकेमिकल्स बनाने के लिए एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। यह एक बहुमुखी ऊर्जा स्रोत है जिसका उपयोग विभिन्न घरेलू और औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे इस्पात और कागज जैसे उद्योगों में भाप बनाने के लिए प्रयोग होता है।
वाहनों को डायवर्जन कर निकाला
सीओ मधुपनाथ मिश्र ने बताया कि गैस रिसाव को लेकर बेहद गंभीरता बरती गई। स्टेशन क्षेत्र के इर्द-गिर्द एक किमी दूर तक लोगों को आने जाने से रोक दिया गया। अनाउंसकर यह बताया गया कि गैस, माचिस न जलाएं। इस दौरान उन्नाव-अचलगंज मार्ग से निकलने वाले वाहनों को डायवर्ट कर कांटी से निकाला गया।
200 मीटर दूर तक सुनाई दी लीकेज से निकलने वाली आवाज
पुलिस के अनुसार स्टेशन की बाउंड्रीवाल के अंदर हो रहा लीकेज सड़क किनारे मेन गेट से 200 मीटर दूर तक सुनाई दे रहा था। लीकेज बड़ा था, जरा सी लापरवाही बड़ी घटना को जन्म दे सकती थी। किसी को स्टेशन के अंदर नहीं जाने दिया गया।पुलिस भी बाहर मौजूद रहकर हर गतिविधि पर नजर बनाए रही। दमकल कर्मी भी किसी भी अनहोनी की आशंका पर अलर्ट रहे।
कितनी घातक है प्राकृतिक गैस
जिला अस्पताल के डा. कौशलेंद्र प्रकाश ने बताया कि प्राकृतिक गैस ज्वलनशील है। यह हवा से हल्की होती है, खुले में यह अधिकांश उड़ जाती है। घरों में रिसाव होने पर आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। सांस के जरिए गैस अंदर जाने पर यह आक्सीजन की मात्रा को खत्म करती है। जिससे यह शरीर के लिए घातक हो सकती है। इसकी चपेट में आए लोगों को सिरदर्द, चक्कर आना, मिचलन, थकान, सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी, धुंधली रोशनी, घुटन समेत अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
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