आइआइटी रुड़की में छात्राओं को मिल सकती है आजादी
आइआइटी रुड़की में छात्रों की तरह अब छात्राओं को भी आजादी मिल सकती है। इसके लिए नियमों में बदलाव को म्ंथन शुरू कर दिया गया है।
रुड़की, [जेएनएन]: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में हॉस्टल और कैंपस में आवाजाही के छात्राओं से संबंधित नियमों में बदलाव को लेकर गहन मंथन किया जा रहा है। दरअसल संस्थान की छात्राओं की मांग है कि छात्रों की तरह ही उन्हें भी चौबीस घंटे कैंपस में आने-जाने की आजादी मिले।
इस संबंध में डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर की ओर से एक कमेटी गठित की गई है, जो इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रही है। आइआइटी रुड़की में फिलहाल हॉस्टल और कैंपस में आने-जाने के समय को लेकर छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग नियम हैं।
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जहां छात्राएं रात 11 बजे तक ही हॉस्टल से बाहर रह सकती हैं। इसके बाद उनके लिए हॉस्टल में प्रवेश करना अनिवार्य है। वहीं छात्र रात ग्यारह बजे के बाद भी हॉस्टल में एंट्री करके कैंपस में रह सकते हैं।
संस्थान के इस नियम से छात्राएं खफा हैं। उनका कहना है कि छात्रों की भांति उन्हें भी हॉस्टल में प्रवेश के समय को लेकर छूट दी जाए। इस मांग को लेकर पिछले दिनों छात्राओं की ओर से कैंपस में शांतिपूर्वक धरना भी दिया गया था।
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इसके बाद डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर की ओर से इस मांग पर गहनता से विचार करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस संबंध में मुंबई, दिल्ली, कानपुर और खडग़पुर आइआइटी से जानकारी जुटाई जा रही है, वहीं संस्थान के सुरक्षा विभाग से भी इस संबंध में सलाह ली गई है।
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हालांकि सुरक्षा विभाग ने इसमें अपनी सहमति दे दी है। लेकिन अभी कमेटी की ओर से तैयार प्रस्ताव को संस्थान के निदेशक और डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर के समक्ष रखना बाकी है।
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संस्थान के डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. डीके नौडियाल के अनुसार छात्राओं की चौबीस घंटे हॉस्टल व कैंपस में आने-जाने की छूट की मांग पर गहनता से विचार किया जा रहा है। छात्राओं की सुरक्षा को लेकर संस्थान गंभीर है।
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