Move to Jagran APP

नोटबंदी से खर्च न चला तो प्रेमी को बॉय- बॉय कर वापस घर लौट गयी

प्रेमी-प्रेमिका ने जन्म-जन्म तक साथ निभाने का वादा किया। घर बार छोड़कर भाग निकले। पर नोट बंदी की मार से वादा 72 घंटे में ही टूट गया। प्रेमिका घर लौट गई।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 24 Nov 2016 07:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2016 10:11 AM (IST)
नोटबंदी से खर्च न चला तो प्रेमी को बॉय- बॉय कर वापस घर लौट गयी

अलीगढ़ (जेएनएन)। प्रेमी-प्रेमिका ने जन्म-जन्म तक साथ निभाने का वादा किया। घर बार छोड़कर दोनों भाग निकले। पर नोट बंदी की मार से कई जन्म का साथ निभाने का वादा 72 घंटे में ही टूट गया। खाने-पीने की व्यवस्था खत्म होते ही प्रेमिका बॉय-बॉय कर वापस घर लौट गई। बेचारा युवक मिन्नतें ही करता रह गया।
हापुड़ की एक कॉलोनी के निजी कंपनी में काम करने वाले युवक के मुहल्ले की बीए सेकेंड ईयर की छात्रा से प्रेम संबंध हो गए।

loksabha election banner

छह माह बाद दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। परिजनों की बंदिशें लगीं तो युगल सोमवार को घर से निकल गया। दोनों के पास कुछ नए व अधिकांश पुराने बड़े नोट थे। जिनसे वे जरूरतें पूरी करते रहे। बुधवार शाम वे अलीगढ़ पहुंचे और आशियाने की तलाश में भटके। पर जहां भी पहुंचे, पुराने नोट प्रेम कहानी में खलनायक साबित हुए। दोनों ने जैसे-तैसे खाना खाकर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर रात गुजारी।

गुरुवार सुबह फिर खुले रुपये न होने से खाने-पीने की परेशानी हुई तो प्रेमिका का धैर्य टूट गया। इसी बात पर नोक-झोंक हुई। फिर, प्रेमिका नाराज होकर रेलवे स्टेशन से मसूदाबाद बस स्टैंड पहुंच कर हापुड़ जाने वाली रोडवेज बस में गई। पीछे से युवक भी पहुंच गया। उसे रोकने को काफी मिन्नतें भी कीं, लेकिन नहीं मानी और बॉय कह कर चली गई।

पढ़ें- शादी के लिए अब निकाल सकेंगे ढाई लाख, बैंकों के पास पहुंचा अादेश

पढ़ें- नोटबंदी का असर - अब एक दिसंबर तक लीजिये टोल फ्री का मजा

पढ़ें- नोटबंदी : कम से कम किसानों को तो छूट दे सरकार : अखिलेश यादव

पढ़ें- मौलाना राबे हसन नदवी पांचवीं बार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष

पढ़ें- नोटबंदी : विवाह के सात फेरे से पहले पूरा पूरे करने होंगे आरबीआई के सात वचन

पढ़ें- बैंकों का खजाना खाली देख दिन भर होता रहा हंगामा, टूटते रहे सब्र के बांध

पढ़ें- नोटबंदी से परेशान गरीब, किसान और मजदूरों के साथ सहानुभूति बरतें-अखिलेश

पढ़ें- शहीदी दिवस पर घोषित अवकाश 24 नवंबर के बजाय अब चार दिसंबर

पढ़ें- एबीवीपी रैलीः शिक्षा को चुनावी एजेंडे का हिस्सा बनाओ और बाज़ारीकरण रोको


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.