फांसी की सजा पर रोक लगाए पाकिस्तान
पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में फांसी की सजा पर लगी रोक को हटाया जाना मानवाधिकार संगठनों ही नहीं संयुक्त राष्ट्र को भी रास नहीं आया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान सरकार से मृत्युदंड पर फिर से प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। दो दिन पहले
संयुक्त राष्ट्र। पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान में फांसी की सजा पर लगी रोक को हटाया जाना मानवाधिकार संगठनों ही नहीं संयुक्त राष्ट्र को भी रास नहीं आया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान सरकार से मृत्युदंड पर फिर से प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन कर मून ने दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की प्रक्रिया को रोकने की अपील भी की।
गौरतलब है कि पेशावर के स्कूल पर हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में छह साल से लगी फांसी की सजा पर लगी पाबंदी को हटा लिया गया था। इस आतंकी हमले में 150 लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे थे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक बान ने 25 दिसंबर को नवाज शरीफ से फोन पर बात की और फांसियों को रोकने का आग्रह किया। बातचीत के दौरान मून ने स्कूली हमले से प्रभावित पाकिस्तानी नागरिकों, सरकार और समुदायों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की। इस दौरान मून और शरीफ ने लोकतंत्र, कानून के साथ स्वतंत्र अदालत की जरूरत और पाकिस्तानी जनता की भावनाओं का सम्मान किए जाने के महत्व को स्वीकार किया।
शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को कानून का पालन किए जाने का भरोसा दिया है। इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों से जुड़े मामले देखने वाले उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन ने भी पाकिस्तान में फांसी की सजा पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने के फैसले की निंदा की थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।