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    आडवाणी की गैरहाजिरी के बावजूद मोदी को ही मिलेगी चुनावी कमान

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    Updated: Sat, 08 Jun 2013 10:58 PM (IST)

    गोवा [आशुतोष झा]। अंतत: भजपा अंदरूनी कलह और दुविधा से बाहर आ गई। पूरी दबंगई के साथ दबाव को नकारते हुए पार्टी ने यह तय कर लिया है कि मिशन 2014 में अब किसी संशय के साथ नहीं उतरेगी। रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ चुनाव अभियान समिति की कमान सौंप दी जाएगी।

    गोवा [आशुतोष झा]। अंतत: भजपा अंदरूनी कलह और दुविधा से बाहर आ गई। पूरी दबंगई के साथ दबाव को नकारते हुए पार्टी ने यह तय कर लिया है कि मिशन 2014 में अब किसी संशय के साथ नहीं उतरेगी। रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ चुनाव अभियान समिति की कमान सौंप दी जाएगी।

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    मंच पहले से तैयार था। अब उसे आकार दिया जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना को समझते हुए शनिवार को भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कार्यकारिणी को संबोधित किया तो यह संकेत दे दिया कि उनकी इच्छा पूरी होगी।

    पढ़ें: थोड़ी अलग रही गोवा कार्यकारिणी

    राजनाथ की इस दृढ़ता का असर पार्टी नेताओं पर भी दिखने लगा है। नेतागण संशय से उबर चुके हैं और खुलकर बोलने लगे हैं कि अब नेतृत्व का फैसला दूर नहीं है।

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    ऐसे में मोदी के हाथ कमान देने की घोषणा सिर्फ औपचारिकता है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दो दिनों में लालकृष्ण आडवाणी की गैर मौजूदगी और उसके बाद शुरू हुई खींचतान को देखते हुए राजनाथ ने अंतिम निर्णय लेने से पहले संघ का भी मन टटोल लिया है। संघ की ओर से भी उन्हें हरी झंडी मिल गई है।

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    दरअसल, पार्टी के बड़े धड़े का मानना था कि जो फैसला चार-पांच महीने पहले ही लिया जा चुका था, उसकी घोषणा में देरी राजनीतिक लिहाज से ठीक नहीं है। उधर, सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज की ओर से यह दबाव था कि घोषणा गोवा की बजाय दिल्ली पहुंच कर की जाए। दरअसल, गोवा आने से पहले ही राजनाथ ने मन बना लिया था और कहीं न कहीं आडवाणी को भी इसका अंदाजा था। पार्टी इतिहास में पहली बार कार्यकारिणी की बैठक से आडवाणी की गैर मौजूदगी का कारण भले ही स्वास्थ्य बना हो लेकिन लोग इसका राजनीतिक निहितार्थ भी देख रहे हैं।

    दूसरी बार पार्टी की कमान संभाल रहे राजनाथ के लिए आडवाणी की गैरमौजूदगी में यह फैसला लेना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने पूरी दबंगई से यह निर्णय ले लिया। ध्यान रहे कि अध्यक्ष पद की कमान संभालते वक्त आडवाणी ने ही उनके सामने लोकसभा चुनाव की चुनौती रखी थी और यह भी याद दिलाया था कि उन्हें अपने राज्य उत्तर प्रदेश में कुछ कर दिखाना होगा। उत्तर प्रदेश में राजनाथ ने मोदी के नजदीकी अमित शाह को कमान दी थी। अब केंद्रीय स्तर पर मोदी को चेहरा बनाकर तैयारी पूरी कर दी गई है।

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