बादल ने सिख आतंकियों की रिहाई के लिए लिखा पत्र
एक तरफ 11 साल की मशक्कत के बाद सुरक्षा एजेंसियां बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह तारा को थाइलैंड में गिरफ्तार करने में सफल रही हैं, वहीं दूसरी ओर पंजाब में सिख आतंकियों की रिहाई के लिए राजनीतिक कोशिशों ने एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर पिछले महीने
नई दिल्ली। एक तरफ 11 साल की मशक्कत के बाद सुरक्षा एजेंसियां बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह तारा को थाइलैंड में गिरफ्तार करने में सफल रही हैं, वहीं दूसरी ओर पंजाब में सिख आतंकियों की रिहाई के लिए राजनीतिक कोशिशों ने एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों को पत्र लिखकर सजा काट रहे आतंकियों की पूर्व रिहाई की मांग से सुरक्षा एजेंसियां खासी चिंतित हैं। सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी इस चिंता से गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अवगत भी करा दिया है।
नोएडा में ही है आतंकियों का मददगार अतीकउर रहमान
सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले महीने प्रकाश सिंह बादल ने उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ दिल्ली के उपराज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक को पत्र लिखकर उनकी जेलों में बंद 13 सजायाफ्ता सिख आतंकवादियों को समय से पहले रिहा करने की मांग की। इनमें से छह कैदी आतंकी हमलों के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। ऐसे समय में जब आइएसआइ की मदद से सिख आतंकवाद पंजाब में फिर से पैर पसारने की कोशिश में है, बादल की नई मुहिम सुरक्षा एजेंसियों के गले नहीं उतर रही है।
आतंकियों के निशाने पर था पीएम का पोरबंदर दौरा
बादल के पत्र के अलावा राजनाथ सिंह के सामने सुरक्षा एजेंसियों ने छह आतंकियों की रिहाई के लिए गुरबक्श सिंह खालसा की भूख हड़ताल का मुद्दा भी उठाया। गुरबक्श सिंह खालसा 14 नवंबर से अंबाला के लखनौर साहिब गुरूद्वारे में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इसके पहले गुरबक्श सिंह खालसा 14 नवंबर से 27 दिसंबर 2013 तक भूख हड़ताल पर बैठे थे। एजेंसियों का मानना है कि गुरबक्श सिंह के पीछे शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कंपनी (एसजीपीसी) का हाथ है।
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