सावधान, तौलिये का नहीं रखा ध्यान तो हो जाएंगे परेशान
तौलिये का इस्तेमाल करने में सदैव जागरूक व सतर्क रहें, अन्यथा बड़ी परेशानी हो सकते हैं व बड़े रोगों की चपेट में आ सकते हैं। खासकर सैलून में शेविंग कराने समय तौलिए का प्रयोग न करें।
रोहतक, [सर्वेंद्र पुंडीर]। अगर आप किसी अन्य का तौलिया इस्तेमाल करते हैं तो गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं। खासकर सैलूनों इस्तेमाल किए जाने वाले तौलिये काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। सैलून में एक ही तौलिया रोजाना काफी लोगों पर इस्तेमाल किया जाता है। कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं, कि एेसे तौलिए इस्तेमाल करने से काला पीलिया (हेपेटाइटिस सी) व अन्य बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को लगी हैं।
डाक्टरों का कहना है ऐसी जगहों पर तौलिए के स्थान पर नेपकीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा हाथों पर टैटू गुदवाने से भी काला पीलिया हो सकता है। क्योंकि जिस सुई से टैटू गुदवाया जाता है उसे कई लोगों पर इस्तेमाल किया जाता है।
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तौलिए से यह लग सकती है बीमारी
पीजीआइ के गेस्ट्रो एंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण मल्होत्रा की मानें तो तौलिए के कारण काला पीलिया हो सकता है, जिसके दो प्रकार होते हैं। इसमें हेपेटाइटिस-ए और ई शामिल हैं। इसके अलावा वायरल, खांसी, जुकाम, दस्त, उल्टी, चमड़ी रोग, टीवी आदि बीमारियां भी हो सकती हैं।
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उन्होंने बताया कि यदि परिवार में एक व्यक्ति को बुखार हो रहा है और वह तौलिए को इस्तेमाल कर रहा है। उसी तौलिए को परिवार का दूसरा सदस्य इस्तेमाल करता है तो बीमार व्यक्ति के जीचाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में चले जाते हैं। इससे स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो जाता है।
अधिकतर गांवों में बीमार होते हैं लोग
डॉ. प्रवीण मल्होत्रा का कहना है कि रोहतक पीजीआइएमएस में वायरल बुखार, खांसी, जुकाम, काला पीलिया, टीवी और अन्य कई बीमारियों से गांवों में अधिक लोग बीमार होते हैं, जिसका कारण इंफेक्शन होता है। यह इंफेक्शन तौलिए से अधिक फैलता है।
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उन्होंने बताया कि गांवों में अधिकतर परिवारों में एक ही तौलिए का परिवार के सभी सदस्य इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसा जानकारी के अभाव में होता है। यदि गांव के लोगों को तौलिए और अन्य कीटाणुओं से फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाए तो अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम हो सकती है।
हेयर ड्रेसर की दुकान में रहें सावधान
डॉ. प्रवीण मल्होत्रा का कहना है कि शेविंग कराने या हेयर ड्रेसिंग के लिए दुकान पर जाएं तो वहां तौलिए के इस्तेमाल से बचें। डॉक्टर का मानना है कि इन दुकानों पर एक तौलिए को कई लोगों पर इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण सबसे अधिक काला पीलिया बीमारी होने का खतरा रहता है। उनका कहना है कि हेयर ड्रेसर की दुकान पर नेपकीन और लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए। फिटकरी का इस्तेमाल भी खतरनाक हो सकता है। फिटकिरी के एक टुकड़े को कई लोगों पर इस्तेमाल करने से यह भी बीमारी का कारण हो सकता है।
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ये हैं बचाव के तरीके
-हेयर ड्रेसर की दुकान पर तौलिए के इस्तेमाल से बचें
-सैलूनों में शेविंग कराते तौलिए का नहीं नेपकीन का इस्तेमाल करें
-फिटकरी के स्थान पर लोशन का इस्तेमाल करेें।
-घर में सभी सदस्यों को अपना अलग अलग तौलिया रखना चाहिए।
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यह है काला पीलिया
हेपेटाइटिस सी को काला पीलिया कहते हैं। हेपेटाइटिस ए और ई का वायरस पानी पीने और अशुद्ध खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में आता है। इसके बाद शरीर में इंफेक्शन होन लगता है और 15 से 45 दिन के अंदर इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। काला पीलिया अधिक दिन तक होने से लीवर को डैमेज कर देता है। इस कारण भूख लगनी बंद हो जाती है और शरीर में खून की कमी हो जाती है। डॉ. प्रवीण मल्होत्रा के अनुसार, इससे रोगों से लडऩे की शरीर की क्षमता खत्म पूरी तरह खत्म हो जाती है।
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काला पीलिया के लक्षण
- त्वचा और आंखों का पीलापन।
- यूरीन का गहरा पीला रंग
- स्टूल का रंग बदलना
- पेट दर्द होना
- अत्यधिक थकान होना
- उल्टियां होना
- शरीर में अधिक खुजली
- नींद से जुड़ी समस्याएं
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'' तौलिए के इस्तेमाल से कई बीमारियां फैलती हैं। जैसे काला पीलिया, खांसी, जुकाम, वायरल, टीवी आदि बीमारी हो सकती हैं। तौलिए के कारण इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इसलिए ऐसी बीमारियों से बचने के लिए घरों में तौलिए का इस्तेमाल हर सदस्य को अलग करना चाहिए। वहीं शेविंग कराते समय तौलिए का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए। यहां पर नेपकीन का ही प्रयोग करें।
-डॉ. प्रवीण मल्होत्रा, पीजीआइएमएस के गेस्ट्रो एंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष।
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