पैंट की पिछली जेब में रखते हैं पर्स तो हो सकती है यह गंभीर बीमारी
यदि अाप अपनी पैंट की पिछली जेब में पर्स रखते हैं और अधिक देर तक बैठे रहते हैं तो सावधान हो जाएं। इससे आप गंभीर रोग के शिकार हो सकते हैं।
रोहतक, [सर्वेंद्र पुंडीर]। यदि आप अपनी जींस या पैंट की पिछली जेब में मोटा बटुआ रखते हैं तो सावधान हो जाएं। यह अापके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है और आप पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जेब में मोटा बटुआ होने से पायरी फोर्मिस मसल्स दब जाती है। इस कारण पैरों में अधिक दर्द होने लगता है। देर तक बैठकर काम करने वालों के को भी इसका खतरा रहता है।
डाक्टरों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अधिक दिनों तक जेब में मोटा बटुआ रखकर बैठकर काम करता है तो पैरों में असहनीय दर्द हो सकता है। अंत में स्थिति बेहद कष्टप्रद हो सकता है। इसके इलाज के लिए काफी भटकना पड़ता है।
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रोहतक पीजीआइएमएस के सीनियर प्रोफेसर और न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर ईश्वर सिंह का कहना है कि पैंट की पिछली जेब में यदि मोटा बटुआ रखा है और आप अधिक देर तक काम कर रहे हैं तो इससे पायरी फोर्मिस नामक मसल्स पर दबाव पड़ता है। इस मसल्स का संबंध सीधे सायटिका नस से होता है, जो पैरों तक पहुंचती है। बटुआ मोटा होने और अधिक देर तक बैठकर काम करने के कारण मसल्स दबती है।
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डॉ. ईश्वर सिंह के अनुसार, यह सायटिका नस काम करना बंद कर देती है तो पैरों में बहुत तेज दर्द होने लगता है। इससे जांघ से लेकर पंजे तक काफी दर्द होने लगता है। पैरों की अंगुली में सुई सी चुभने लगती है। अंत में दर्द असहनीय हो जाता है। इसके बाद मरीज डॉक्टर के पास जाते हैं।
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रोहतक पीजीआइ में रोजाना पहुंचते हैं चार से पांच मरीज
सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर ईश्वर सिंह की मानें तो रोहतक पीजीआइएमएस में रोजाना चार से पांच मरीज इस बीमारी के पहुंचते हैं। इसमें अधिकतर 18 से 25 साल उम्र के युवा होते हैं। बता दें कि इसी उम्र के युवा अधिकतर अपनी जेब में मोटा बटुआ रखते हैं। डॉक्टर का कहना है कि बटुआ जितना पतला हो, उतना ही बेहतर है। यदि हो सके तो पैंट की आगे की जेब में बटुआ रखा जाए। ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।
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यह हैं बचाव के तरीके-
1. इस बीमारी से पीडि़त युवाओं को प्रतिदिन एक्सरसाइज करनी चाहिए।
2. जिसे यह बीमारी है, वह अधिक देर तक कुर्सी पर न बैठे।
3. कुर्सी पर बैठने से पहले ध्यान रखे कि बटुआ जेब में न हो।
4. ड्राइविंग करते समय भी अधिक देर तक नहीं बैठना चाहिए।
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'' पायरी फोर्मिस सिंड्रोम बीमारी अधिक देर तक बैठने से होती है। पैंट की पिछली जेब में मोटा बटुआ या फिर अन्य भारी सामान है तभी यह बीमारी अधिक होती है। इस बीमारी के प्रतिदिन चार से पांच मरीज पीजीआइ में आते है। शुरू में यदि डॉक्टर से उपचार करा लिया गया तो ठीक है, नहीं तो बाद में इस बीमरी से निपटने के लिए सर्जरी करानी पड़ती है
-डॉक्टर ईश्वर सिंह, सीनियर प्रोफेसर हेड न्यूरो सर्जरी विभाग।
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