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लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस कांड से शुरू हुई मायावती और मुलायम की दुश्मनी, ढाई दशक बाद अखिलेश ने किया समझौता

Mulayam Singh Yadav मुलायम सिंह यादव से जुड़ा उत्तर प्रदेश का चर्चित गेस्ट हाउस कांड 1995 का है। मुलायम की सपा और कांशीराम की बसपा गठबंधन सरकार प्रदेश की सत्ता में थी। गेस्ट हाउस में हिंसा शुरू हो गई। इस दौरान मायावती पर भी हमले का प्रयास हुआ।

By Jitendra SharmaEdited By: Umesh TiwariPublished: Mon, 10 Oct 2022 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2022 11:38 PM (IST)
Mulayam Singh Yadav: बसपा के समर्थन वापस लेने से नाराज मुलायम सिंह यादव ने खुलकर दिखाया था बाहुबल।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। शोक की लहर में एक-एक कर पलट रहे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से जुड़े अतीत के पन्नों में एक पन्ना वह भी है, जिसे उत्तर प्रदेश की राजनीति का 'काला अध्याय' माना जाता है। बसपा द्वारा समर्थन वापस लिए जाने से नाराज तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इतने नाराज हुए कि 23 मई, 1995 को गेस्ट हाउस कांड घटित हुआ और मुलायम-मायावती के बीच दुश्मनी शुरू हुई। आखिरकार ढाई दशक बाद 2019 में गठबंधन की पटकथा लिखने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती समझौते की मेज पर बैठे और गेस्ट हाउस कांड के मुकदमे वापस ले लिए गए।

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चर्चित 1995 का गेस्ट हाउस कांड 

मुलायम सिंह यादव से जुड़ा उत्तर प्रदेश का चर्चित गेस्ट हाउस कांड 1995 का है। मुलायम सिंह यादव की सपा और कांशीराम की बसपा गठबंधन सरकार प्रदेश की सत्ता में थी। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि गठबंधन में कुछ असहमति की गांठें उभरी, जिसके परिणाम स्वरूप 23 मई, 1995 काे कांशीराम ने भाजपा के तत्कालीन वरिष्ठ नेता लालजी टंडन को फोन कर भाजपा-बसपा गठबंधन की संभावनाओं को टटोलना शुरू कर दिया।

मायावती ने गेस्ट हाउस में बुलाई थी बैठक

कांशीराम ने मायावती को अपनी रणनीति बताई। इसके बाद एक जून, 1995 को मायावती लखनऊ पहुंचीं और सपा-बसपा के डेढ़ वर्ष पुराने गठबंधन को खत्म करने की सूचना सहित भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल वोरा को भेज दिया। अगले ही दिन दो जून, 1995 काे मायावती मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में बसपा विधायकों के साथ बैठक कर रही थीं।

मुलायम समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पहुंचे

इस बैठक की भनक मुलायम सिंह यादव को लगी तो उन्होंने अपने समर्थकों को गेस्ट हाउस भेज दिया। बताते हैं कि बसपा के कुछ विधायकों को समझाकर या धमकाकर वह अपने पक्ष में करना चाहते थे, ताकि सरकार अल्पमत में न आए। मगर, बात नहीं बनी और स्थितियां बिगड़ गईं। वहां हिंसा शुरू हो गई। मायावती पर भी हमले का प्रयास हुआ।

अखिलेश के आग्रह मायवती ने केस वापस लिया

इस घटना के ढाई दशक बाद 19 अप्रैल, 2019 को पहली बार मुलायम सिंह यादव और मायावती एक मंच पर साथ नजर आए। भाजपा के खिलाफ सपा और बसपा जैसे धुर विरोधी दल मिले ही इस शर्त पर थे कि मायावती गेस्ट हाउस कांड के सभी मुकदमे मुलायम सिंह पर से वापस ले लेंगी। अखिलेश के आग्रह पर बसपा प्रमुख ने 26 फरवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट से केस वापस ले लिया।

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