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    Kanpur LLB छात्र पर हमले का मामला! CCTV फुटेज दे रहे गवाही, न वो कम थे न ये

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 10:51 PM (IST)

    कानपुर के विनायकपुर में विधि छात्र अभिजीत सिंह पर चापड़ से हमले के मामले में सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। फुटेज में दिख रहा है कि घटना से पहले अभिजीत एक व्यक्ति से मारपीट कर रहा था और उसके पास अवैध पिस्टल भी थी। पुलिस ने इस मामले में चौथे आरोपी प्रिंसराज श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है। लापरवाही के आरोप में चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।

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    रावतपुर में मेडिकल स्टोर के काउंटर पर पिस्टल रखता सीसी कैमरे में कैद हुआ विधि छात्र अभिजीत सिंह। इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, कानपुर। विनायकपुर में विधि छात्र अभिजीत सिंह पर चापड़ से जानलेवा हमले के मामले में प्रचलित हो रहे सीसी कैमरे के फुटेज नई कहानी बयां कर रहे हैं। ये बता रहे हैं कि अपराधी तत्वों के साथ पुलिस की यारी से क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है। अब तक जो तस्वीर सामने आई है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मेडिकल स्टोर संचालक का पक्ष तो दोषी है ही, विधि छात्र का पक्ष भी कम नहीं है।

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    घटना से ठीक पहले विधि छात्र द्वारा एक अन्य व्यक्ति से मारपीट करने और अवैध पिस्टल लेकर मेडिकल स्टोर जाने की वीडियो फुटेज साबित कर रही है कि क्षेत्र में पुलिस की लापरवाही से छोटे-मोटे अपराधियों ने आम लोगों का जीना दूभर किया है। फिलहाल देखना यह है कि चर्चित और गंभीर हो चुके इस मामले में शीर्ष अधिकारी किस तरह की कार्रवाई करते हैं।

    केशवपुरम निवासी विधि छात्र अभिजीत सिंह चंदेल मां की दवा लेने विनायकपुर स्थित मां मेडिकल स्टोर गए थे, जहां दवा के रेट में छूट को लेकर मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह से उनका विवाद हो गया। अमर ने भाई विजय सिंह, निखिल तिवारी व प्रिंसराज श्रीवास्तव के साथ मिलकर अभिजीत से मारपीट की और चापड़ से हमला कर मरणासन्न कर दिया। चापड़ के हमले से अभिजीत का सिर फटा, अंगुली कटी, अंगूठा अलग हो गया व आंतें तक बाहर आ गईं थीं। उन्हें गंभीर हालत में सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    इस मामले में पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक की तहरीर पर पहले मुकदमा दर्ज करके विवाद को जन्म दिया, क्योंकि प्रथमदृष्टया घायल देखकर यही अंदाजा लगाया गया कि पुलिस ने गलत किया। दूसरे पक्ष की सुनवाई नहीं की। मगर, पुलिस पर यह आरोप सही भी थे, क्योंकि निष्पक्ष होकर कार्रवाई नहीं की गई। अब यह बात स्पष्ट भी हो रही है। दैनिक जागरण संवाददाता के पास कई वीडियो आए हैं, जिसके बाद यह मामला नया मोड़ ले रहा है। सीसी कैमरे के फुटेज के हिसाब से घायल अभिजीत वारदात से ठीक पहले अपने अन्य साथियों के साथ मेडिकल स्टोर के ठीक सामने ठेला लगाने वाले एक व्यक्ति से मारपीट करते दिख रहा है। इस मारपीट में अभिजीत के हाथ में चोट लगी और खून बहने लगा।

    शायद खून बहने की वजह से ही वह मेडिकल स्टोर पहुंचा। वीडियो में अभिजीत खुलेआम हाथ में अवैध पिस्टल लिए आता दिख रहा है। आते ही उसने पिस्टल मेडिकल स्टोर के काउंटर पर रख दिया। शायद इसी वजह से उसकी मेडिकल स्टोर संचालक से बात बढ़ी और यहां भी झगड़ा हो गया। पुलिस की जांच और सीसी कैमरे के फुटेज में अभिजीत पक्ष से एक हिस्ट्रीशीटर सौरभ ठाकुर का नाम भी सामने आ रहा है। निखिल तिवारी भी अभिजीत का दोस्त बताया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि यहां पर वसूली का धंधा भी फल फूल रहा था। आम आदमी बेबस था, क्योंकि सभी अपराधी स्थानीय पुलिस के करीब थे।

    मोस्ट वांटेड प्रिंसराज कचहरी से गिरफ्तार

    रावतपुर के विनायकपुर में विधि छात्र पर जानलेवा हमले के चौथे आरोपित प्रिंसराज श्रीवास्तव उर्फ लाला को पुलिस ने बुधवार शाम कचहरी से गिरफ्तार कर लिया। शनिवार रात हुई घटना के मामले में वह फरार था। मामले में मेडिकल स्टोर संचालक और उसके भाई समेत तीन आरोपित पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। रावतपुर केशवपुरम निवासी विधि छात्र अभिजीत सिंह पर हमले के मामले में पुलिस ने छात्र के मामा चन्दन सिंह की तहरीर पर मेडिकल स्टोर संचालक अमर सिंह, विजय सिंह, निखिल तिवारी और प्रिंसराज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। अधिकारियों की सख्ती के बाद पुलिस ने अमर सिंह, विजय सिंह, निखिल तिवारी को जेल भेजा था जबकि, चौथा आरोपित प्रिंसराज श्रीवास्तव फरार चल रहा था। इस मामले में लापरवाही के आरोप में गुरुदेव चौकी इंचार्ज सचिन भाटी को निलंबित किया जा चुका है। बुधवार शाम रावतपुर पुलिस ने प्रिंसराज को कचहरी से उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि वह दावा करता रहा कि घटना के समय वह नहीं था। एडीसीपी कपिलदेव सिंह ने बताया कि प्रिंसराज को गिरफ्तार कर सभी बिंदुओं और अब तक मिले सीसी कैमरों के फुटेज का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है।

    डीवीआर थी गायब फिर भी सीसी कैमरों के फुटेज हुए प्रचलित

    घटना के बाद एडीसीपी कपिल देव सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जहां पुलिस कर्मियों के बयान विरोधाभासी और अलग-अलग थे तो किसी ने सीसी कैमरे की डीवीआर पनकी नहर में फेंके जाने की बात कही तो किसी ने फोन पर संचालित होना बताया था। अगले दिन विधि छात्र अभिजीत सिंह का मेडिकल स्टोर के काउंटर पर कंट्रीमेड पिस्टल लिए सीसी कैमरे का फुटेज प्रचलित हो गया। इसके अलावा मारपीट और दौड़ते हुए भी सीसी कैमरे के फुटेज सामने आए थे। जिस पर दोबारा पुलिस को अधिकारियों की खरी-खोटी सुननी पड़ी थी। यही नहीं मुख्य घटनास्थल पर जानकारी के बाद भी 16 घंटे बाद पहुंचने पर भी पुलिस को फटकार मिली थी।

    प्रिंसराज को लेकर बार और लायर्स में तनातनी

    कचहरी से गिरफ्तार हुए प्रिंसराज को लेकर कानपुर बार एसोसिएशन और लायर्स बार एसोसिएशन में ठन गई है। दो दिन पहले बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह ने पत्र जारी कर रहा था कि प्रिंसराज अधिवक्ता नहीं है और उसे दो साल के लिए डिबार किया जा चुका है। वहीं, बुधवार को लायर्स की ओर से पुलिस आयुक्त को दिए गए पत्र जारी किए गए, जिसमें उसे संस्था का सदस्य बताया गया है। पत्र में अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा और महामंत्री राजीव यादव का नाम अंकित है। दोनों पदाधिकारियों ने स्वीकार किया कि प्रिंसराज वर्ष 2022 से संस्था का सदस्य है। केवल यह जानकारी दी है। कोई पैरवी नहीं की।

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