नोट बंदी सही, पर देश भुगत रहा वित्तमंत्री की नाकामी : सुब्रह्मण्यम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ व हजार रुपये के नोटों को बंद करके साहसपूर्ण कदम उठाया है। इससे साबित हुआ कि हम जो कहते हैं, वह करते भी हैं। यही कारण है कि जनता फैसले के साथ है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। कालाधन पर जोरदार वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच सौ व हजार रुपये के नोटों को बंद करके साहसपूर्ण कदम उठाया है। इससे साबित हुआ कि हम जो कहते हैं, वह करते भी हैं। यही कारण है कि जनता फैसले के साथ है। हां, पैसा निकालने में लोगों को जो दिक्कत आ रही है, उसके लिए मोदी नहीं, वित्तमंत्री अरुण जेटली जिम्मेदार हैं। देश उनकी नाकामी भुगत रहा है। यह कहना है भाजपा सांसद सुब्रह्म्ण्यम स्वामी का। विहिप संरक्षक अशोक सिंहल की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने शुक्रवार को इलाहाबाद आए स्वामी पत्रकारों से बात कर रहे थे।
स्वामी ने कहा कि नोटबंदी को लेकर वित्त मंत्रालय ने उचित तैयारी नहीं की। दो हजार रुपये के नोट का साइज भी छोटा करना गलत निर्णय रहा। अगर वह एक हजार रुपये की नोट के आकार का होता तो एटीएम में बदलाव नहीं करना पड़ता। ऐसे में लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार एटीएम से आसानी से पैसा मिल जाता, जिससे लंबी लाइनें नहीं लगतीं। परंतु आज स्थिति उलट है, लोगों को उनके जरूरत के अनुरूप न बैंक से पैसा मिल रहा है न एटीएम से।
नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार के सहयोगी दल शिवसेना के हमलावर होने को उन्होंने क्षणिक रोष बताया। कहा कि वह इसलिए परेशान हैं कि उन्हें फैसले की जानकारी नहीं मिली। इसके अलावा कोई नाराजगी नहीं है। हमारा खून एक है और हम साथ मिलकर आगे भी काम करते रहेंगे। कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में सपा व बसपा की अपेक्षा भाजपा बेहतर प्रदर्शन करेगी।
अगले साल अयोध्या में बनेगा राम मंदिर
इससे पहले सिंहल की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सुब्रमण्यम ने कहा कि सिंहल जी की इच्छा थी कि तीन प्रमुख धर्मस्थल अयोध्या, काशी व मथुरा में तोड़े गए मंदिरों की जगह भव्य मंदिर का निर्माण हो। इसकी शुरुआत 2017 में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण से होगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम शासकों ने हमारे 40 हजार मंदिर तोड़े हैं। उन्हें अयोध्या में मंदिर बनाने में हमारा साथ देना चाहिए। अन्यथा हमें उनकी मस्जिदों पर विचार करना होगा। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस में कोई दम नहीं है। बतौर मुख्यवक्ता अर्थशास्त्री डॉ. बजरंग लाल ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता व विचार विरोधाभाषी है, एकात्म मानववाद परस्पर संवेदनशील एवं समाज की चिंता करने वाला है। बीएचयू कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने एकात्म मानववाद की जरूरत पर प्रकाश डाला। विहिप महामंत्री चंपत राय ने अशोक सिंहल के कृतित्व-व्यक्तित्व को याद किया।
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