राफेल फाइटर प्लेन के लिए अंबाला एयरबेस तैयार, अब पाकिस्तान को मिलेगा तगड़ा सबक
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन राफेल फाइटर विमान के लिए पूरी तरह तैयार है। दो राफेल विमान जल्द ही अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचेंगे।
अंबाला, [दीपक बहल]। युद्धक विमान राफेल के लिए जहां देश पूरी तरह से तैयार है, वहीं इस में अभी तीन माह का समय लगेगा। अंबाला छावनी एयरफोर्स स्टेशन में दो राफेल के लिए व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। इसी कड़ी में सेना के डेयरी फार्म की करीब 51 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का मामला भी अंतिम चरण में है। कोरोना संक्रमण के चलते राफेल मिलने में देरी हो रही है, लेकिन वायुसेना स्टेशन पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अंबाला में राफेल की कमान स्कवाड्रन-17 संभालेगी। अब इंतजार राफेल के मिलने का है, जिससे अंबाला से ही पाकिस्तान पर नजर रखी जाएगी।
कोरोना संकट के चलते राफेल के आने में हुई है देरी, अंबाला वायुसेना की है तैयारी पूरी
उल्लेखनीय है कि अंबाला एयरफोर्स में दो ही राफेल की तैनाती होगी, जिसके लिए एयरफोर्स स्टेशन के भीतर आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है। लगभग सवा सौ करोड़ रुपये का टेंडर एक कंपनी को दिया गया था। देश की सुरक्षा को लेकर अंबाला वायुसेना स्टेशन काफी अहम है और यहीं से पाकिस्तान पर भी नजर रखी जा सकेगी। किसी भी आपात स्थिति में पाक को तुरंत जवाब भी दिया जा सकेगा। बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाक युद्धक विमान को घेरने में अंबाला वायुसेना स्टेशन की अहम भूमिका रही है।
अंबाला छावनी में डेयरी फार्म की 51 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी होगा जल्द
उधर, तैयारियां तो पूरी हो चुकी हैं, जबकि सेना के डेयरी फार्म की 51 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का मामला भी अंतिम चरण में है। राफेल के लिए एयरफोर्स स्टेशन के आसपास लगभग 51 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके लिए वायुसेना के अधिकारी राफेल के अंबाला में आने से पहले इस जमीन की तलाश में जुट गए थे। एयरफोर्स और सेना के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई थी। मिलिट्री डेयरी फार्म की जमीन में से 51 एकड़ जमीन चिह्नित कर रक्षा मंत्रालय को जानकारी दी है।
अंबाला एसरफोर्स स्टेशन।
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स्क्वाड्रन-17 संभालेगी कमान
अंबाला में एयरफोर्स की स्क्वाड्रन-17 राफेल की कमान संभालेगी। करगिल युद्ध के समय (1999 में) पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने गोल्डन ऐरोज-17 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। बठिंडा वायु सेना केंद्र से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था। उस दौरान वायु सेना ने रूस निॢमत मिग 21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू किया था। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गई थी और शुरू में इसने हैविलैंड वैंपायर एफ एमके 52 लड़ाकू विमानों की उड़ानों को संचालित किया था।
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अंबाला समेत हाशीमारा एयरबेस पर होगी तैनाती
राफेल विमानों के लिए अंबाला पश्चिम बंगाल के हाशीमारा एयरबेस को चुना गया है। दोनों ही एयरबेस पर राफेल के एक-एक स्क्वाड्रन तैनात होंगे। इसके लिए 17 नंबर स्क्वाड्रन को चुना गया है। ये दोनों ही एयरबेस काफी महत्वपूर्ण हैं।
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