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क्या कांग्रेस के दिए नए फॉर्मूले के तहत दिल्ली-हरियाणा में होगा AAP से गठबंधन?

भाजपा को हराने को गठबंधन AAP-कांग्रेस दोनों की मजबूरी है। यही वजह है कि आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन को लेकर रस्साकशी अब भी जारी है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 11:13 AM (IST)
क्या कांग्रेस के दिए नए फॉर्मूले के तहत दिल्ली-हरियाणा में होगा AAP से गठबंधन?
क्या कांग्रेस के दिए नए फॉर्मूले के तहत दिल्ली-हरियाणा में होगा AAP से गठबंधन?

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देजर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस में गठबंधन को लेकर रस्साकशी अब भी जारी है। इस रणनीति में इजाफा यह हुआ है कि अब पर्दे के पीछे सीटों की जोड़-तोड़ चल रही है।

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी तक गठबंधन की बातचीत दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब के लिए भी चल रही थी। इसके तहत दिल्ली की सियासत के सहारे AAP हरियाणा में कांग्रेस से दो और पंजाब में तीन सीटें मांग रही थी, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बाद कांग्रेस पंजाब में AAP को एक भी सीट देने को तैयार नहीं है। नए समीकरणों के तहत कांग्रेस ने AAP को एक नया फॉर्मूला दिया है।

इसके तहत AAP को दिल्ली में चार और हरियाणा में एक सीट देने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर के नेता अहमद पटेल और गुलाब नबी आजाद गठबंधन के लिए प्रयासरत हैं, जबकि AAP की ओर से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह मोर्चा संभाले हुए हैं।

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सूत्रों की मानें तो आप की ओर से रविवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको से भी संपर्क किया गया था। भाजपा को हराने को गठबंधन दोनों पार्टियों की मजबूरी बना हुआ है। ऐसे में बेशक दोनों ही पार्टियां आपस में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रही हों, लेकिन गठबंधन की संभावना से तब भी स्पष्ट इन्कार नहीं कर रही है।

राहुल ने दिल्ली में गठबंधन से किया इन्कार: केजरीवाल

वहीं, विशाखापत्तनम में सोमवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर सस्पेंस खत्म होने की बात सामने आई थी। दरअसल, यहां पर एक रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में गठबंधन से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अब त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है।

बता दें कि रविवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा था कि सोमवार तक आप-कांग्रेस गठबंधन पर तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।

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कांग्रेस द्वारा कोई आधिकारिक बयान जारी होने से पहले ही केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में लोकसभा चुनावों के लिए आप से गठबंधन करने से इन्कार कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने राहुल गांधी के साथ बैठक की थी लेकिन उन्होंने गठबंधन से इन्कार कर दिया।’

बता दें कि केजरीवाल अपनी तरफ से बार-बार भाजपा को हराने के लिए गठबंधन का ऑफर देते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के साथ पंजाब और हरियाणा में भी कांग्रेस को गठबंधन की पेशकश की है। दिल्ली कांग्रेस में भी गठबंधन को लेकर एक राय नहीं है। पीसी चाको जहां आप से गठबंधन को लेकर जोर दे रहे थे तो शीला दीक्षित इसके खिलाफ थीं। पहले अजय माकन भी गठबंधन के खिलाफ थे, लेकिन बाद में इन्होंने इसका समर्थन किया था। शनिवार को कांग्रेस प्रदेश कमिटी की हुई बैठक में आप के साथ गठबंधन पर आखिरी फैसला अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया था। केजरीवाल के बयान के बाद कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की उम्मीद खत्म हो गई है। अब दिल्ली की सात सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

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