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    गुलाब की खेती से कई लोगों को घर बैठे ही मिल रहा रोजगार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 13 Mar 2017 04:00 PM (IST)

    पिथौरागढ़ जिले के जयकोट गांव में गुलाब की खेती से लोगों को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है और धीरे-धीरे पलायन की ओर बढ़ते कदम ठिठकने लगे हैं। ...और पढ़ें

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    गुलाब की खेती से कई लोगों को घर बैठे ही मिल रहा रोजगार

    धारचूला, [तेज सिंह गुंज्याल]: कुमाऊं के पर्वतीय अंचल में जहां फूलों की खेती अब तक व्यावसायिक रूप नहीं ले पाई, वहीं छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित जयकोट गांव के लोग गुलाब की खेती कर घरों को महका रहे हैं। इस पहल से गांव के कई लोगों को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है और धीरे-धीरे पलायन की ओर बढ़ते कदम ठिठकने लगे हैं।

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    कैलास-मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नारायण आश्रम के निकट स्थित जयकोट गांव कुछ समय पहले तक आलू और राजमा उत्पादन के लिए जाना जाता था। लेकिन, बाजार दूर होने के कारण कृषि उत्पादों को वहां तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था। 
    ढुलान का खर्च अधिक होने की वजह से उत्पाद की कीमत लागत से कहीं अधिक हो जाती थी। ऐसे में ग्रामीणों ने कुछ नया करने की ठानी। इसके लिए गांव में खिलने वाले गुलाब के फूलों को चुना गया। फिर तमाम तकनीकी जानकारियां जुटाई गईं और धीरे-धीरे ग्रामीण स्वयं गुलाब जल तैयार करने लगे।
    देहरादून स्थित लैब में इस गुलाब जल का परीक्षण कराया तो वहां से शत प्रतिशत शुद्धता की मुहर लग गई। फिर क्या था, उत्साहित ग्रामीणों ने गुलाब जल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया। ग्राम प्रधान चंद्र सिंह ने बताया कि अब गांव में उत्पादित गुलाब जल की मार्केटिंग की तैयारी की जा रही है। 
    गुलाब जल तैयार कर रहे महेंद्र सिंह, रुकुम सिंह, जमन सिंह, दलीप सिंह, बहादुर सिंह, दलीप सिंह बड़ाल, गोपाल सिंह कार्की आदि ने बताया कि इस बार देशभर से कैलास-मानसरोवर यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को गुलाब जल भेंटकर इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
    ग्रामीणों की योजना निकट भविष्य में गुलाब का तेल तैयार करने की भी है। गुलाब की खेती और गुलाब जल का उत्पादन करने के बाद से सीमांत क्षेत्र में बसे जयकोट गांव के मजदूरी करते रहे परिवार अब अपने खेतों में गुलाब उगाकर आजीविका अर्जित करने लगे हैं। रोजगार के लिए बाहर जाना थम-सा गया है।