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    वन विभाग को एक बाघ को पकड़ने में लग गए आठ घंटे

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 18 Mar 2017 04:00 AM (IST)

    रामनगर में वन विभाग को एक और बाघ को पकड़ने में आठ घंटे लग गए। वह भी तब जब कि दो लोगों के शिकार के बाद भी बाघ आसपास ही मंडराता रहा।

    वन विभाग को एक बाघ को पकड़ने में लग गए आठ घंटे

    हल्द्वानी, [शमशेर सिंह नेगी]: महज पांच माह पहले एक नरभक्षी बाघिन को पकड़ने के लिए देश में सबसे बड़ा अभियान चलाने के बावजूद वन विभाग को एक और बाघ को पकड़ने में आठ घंटे लग गए। वह भी तब जब कि दो लोगों के शिकार के बाद भी बाघ आसपास ही मंडराता रहा। जाहिर है इससे वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
    पिछले साल अक्टूबर में एक आदमखोर बाघिन को ढेर करने में वन विभाग के पसीन छूट गए। 45 दिन चले अभियान में छह शिकारी, 200 वन कर्मी, हेलीकॉप्टर और ड्रोन कैमरों की मदद के बाद विभाग को सफलता मिल पाई थी। पूरे अभियान में करीब एक करोड़ रुपया खर्च हुआ।
    इस पूरी कवायद से वन विभाग ने कोई सबक सीखा हो, गुरुवार को हुई घटना से ऐसा अहसास नहीं होता। आदमखोर ने एक महिला पर सुबह आठ से नौ बजे के बीच हमला किया और इसके बाद शिकार के पास ही मंडराता रहा। 
    वन विभाग को सूचना भी समय पर मिल गई थी, लेकिन ट्रैंकुलाइजर टीम दोपहर बाद करीब एक बजे घटना स्थल पर पहुंची। इतना ही नहीं, तलाश में आए 30 से 40 लोगों के समूह पर हमला कर बाघ ने एक और को शिकार बना लिया। यहां तक कि वन कर्मियों को शव तलाशने में ही पांच घंटे से ज्यादा वक्त लग गया।

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