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    उत्तराखंड में गणतंत्र दिवस के दिन रिहा होंगे 45 बुजुर्ग कैदी

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 16 Nov 2016 04:05 AM (IST)

    गणतंत्र दिवस पर 15-16 साल से उत्तराखंड राज्य की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 45 बुजुर्ग कैदियों को रिहा किया जाएगा। इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया है।

    हल्द्वानी, [जेएनएन]: प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर 15-16 साल से राज्य की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 45 बुजुर्ग कैदियों को रिहा किया जाएगा। गृह विभाग की ओर से मंजूरी के बाद दया याचिका का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जा चुका है।
    उन्होंने बताया कि हल्द्वानी स्थित उप कारागार में क्षमता से काफी अधिक कैदी होने की समस्या सबसे गंभीर है। उन्होंने कहा कि कुछ कैदी यहां से शिफ्ट किए जाएंगे। साथ ही नैनीताल जेल भी अन्यत्र शिफ्ट होगी।

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    हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करने से पहले प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार व आइजी जेल पीवीके प्रसाद ने हल्द्वानी उप कारागार व नैनीताल जेल का निरीक्षण किया।

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    प्रमुख सचिव ने कहा कि एक माह के भीतर 400 बंदी रक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अगले वित्तीय वर्ष में जेलों को सुविधाओं से लैस करने के लिए बजट मंजूर होगा। नैनीताल जेल में 71 कैदियों की क्षमता के सापेक्ष 92 रखे गए हैं। इसी तरह हल्द्वानी जेल में 250 के सापेक्ष 800 कैदी हैं। नैनीताल जेल को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा।

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    नैनीताल जेल के कैदियों को सितारगंज जेल में शिफ्ट किया जाएगा। राज्य की सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। बंदी रक्षकों को मिलने वाले भत्तों में अनियमितताओं पर प्रमुख सचिव ने कहा कि इन्हें दूर करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
    हल्द्वानी उप कारागार में डबल स्टोरी बिल्डिंग बनाकर बैरक की संख्या डबल की जाएगी और रसोई व शौचालय की संख्या को दोगुना करने का प्रस्ताव पास किया गया है। कैदियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सक की तैनाती के प्रयास किए जा रहे हैं।

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    इस दौरान वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य, एसपी सिटी हरीश सती, सीओ हल्द्वानी दिनेश ढौंडियाल, जेलर संजीव ह्यांकी, जेलर आइएच खान कोतवाल राम सिंह मेहता आदि मौजूद रहे।
    नैनीताल जाने को बैठे तो स्टार्ट नहीं हुई कार
    प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार व आइजी जेल पीवीके प्रसाद हेलीकॉप्टर से गौलापार स्थित हेलीपैड पर पहुंचे। यहां से वह अंबेसडर कार से उप कारागार आए। करीब डेढ़ घंटे निरीक्षण के बाद नैनीताल को रवाना होने के लिए दोनों अफसरों के साथ ही वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य भी अंबेसडर कार में सवार हो गए। चालक ने कई बार सेल्फ लिया, लेकिन कार स्टार्ट नहीं हुई।

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    इससे अफसर व मातहतों में हड़कंप मच गया। तुंरत फ्लीट के साथ आई नीली बत्ती लगी दूसरी स्कार्पियो कार को तैयार किया गया। इसके बाद अफसर स्कार्पियो कार में सवार होकर नैनीताल को रवाना हुए। हालांकि जल्दबाजी के कारण कार के आगे कोई बोर्ड नहीं लगाया जा सका।
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