उत्तराखंड में जल्द शुरू होगी बिजली की प्रीपेड मीटर योजना
सूबे में प्रीपेड बिजली मीटर योजना नए फीचर्स के साथ जल्द शुरू होगी। ऊर्जा निगम ने स्वीकृति के लिए इसका प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को भेज दिया है।
देहरादून, [जेएनएन]: सूबे में प्रीपेड बिजली मीटर योजना नए फीचर्स के साथ जल्द शुरू होगी। ऊर्जा निगम ने स्वीकृति के लिए इसका प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को भेज दिया है। उम्मीद है अगले सप्ताह तक आयोग इस पर फैसला सुना देगा।
ऊर्जा निगम की योजना के अनुसार निर्धारित से ज्यादा लोड बढ़ने पर मीटर ट्रिप हो जाएगा। इससे गैर घरेलू और औद्योगिक कनेक्शनधारकों को फायदा मिलेगा। क्योंकि, साधारण मीटर में लोड से ज्यादा बिजली की खपत होने पर इन्हें पेनल्टी देनी पड़ती है।
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इसके अलावा अगर मीटर में बैलेंस खत्म हो गया हो और अगले दिन विभाग में अवकाश हो तो इस अवधि में बिजली गुल नहीं होगी। ऊर्जा निगम ऑन लाइन रिचार्ज की व्यवस्था करने पर भी काम कर रहा है।
निगम ने प्रीपेड मीटर 25 किलोवाट तक के कनेक्शनों पर लगाने की बात भी प्रस्ताव में कही है। पहले यह 30 किलोवाट तक के लिए था। निगम का कहना है कि अधिकांश उपभोक्ता 25 किलोवाट तक के ही हैं। ऊर्जा निगम के निदेशक मानव संसाधन एवं प्रवक्ता पीसी ध्यानी ने बताया कि आयोग से स्वीकृति के बाद योजना शुरू कर दी जाएगी।
सरकारी कनेक्शनों पर प्रीपेड मीटर अनिवार्य
ऊर्जा निगम ने आयोग को प्रस्ताव दिया है कि 25 किलोवाट तक क्षमता वाले सरकारी कनेक्शन और कॉमर्शियल होर्डिंग के लिए प्रीपेड मीटर अनिवार्य किए जाएं। क्योंकि, सरकारी विभाग समय पर बिल जमा नहीं कराते। कई विभागों, जैसे स्वास्थ्य आदि पर आवश्यक सेवा होने के चलते निगम कोई कार्रवाई भी नहीं कर पाता। प्रस्ताव में बकायादारों को प्रीपेड की श्रेणी में न लाने की बात भी कही गई है।
योजना पर एक नजर
प्रीपेड मीटर योजना 13 जनवरी 2015 को अस्थायी कनेक्शनों के लिए शुरू की गई थी और अप्रैल 2015 तक प्रदेशभर में 1200 मीटर लगाए गए। वर्ष 2015-16 में नया टैरिफ आया, लेकिन सॉफ्टवेयर में पुराने टैरिफ के हिसाब से ही फिक्स्ड चार्ज और बिजली के दाम फीड थे। सो, योजना बंद हो गई।
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पांच अप्रैल 2016 को नया टैरिफ आया, लेकिन फिक्स्ड चार्ज अलग होने से योजना शुरू नहीं हो सकी। असल में प्रीपेड मीटर की फीडिंग को बार-बार बदला नहीं जा सकता, इसलिए ऊर्जा निगम ने यूईआरसी के समक्ष फिक्स्ड चार्ज खपत के बजाय कनेक्शन की क्षमता के अनुसार करने का प्रस्ताव रखा।
उपभोक्ता झेल रहे परेशानी
प्रीपेड मीटर योजना बंद होने से 1200 उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी के अलावा शेष बैलेंस भी वापस नहीं मिल पा रहा। इससे परेशान उपभोक्ता ऊर्जा निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि, एक मामले में विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने ऊर्जा निगम को अवशेष धनराशि ब्याज सहित बिलों में समायोजित करने के आदेश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान निगम ने कहा कि नए टैरिफ के अनुरूप सॉफ्टवेयर न होने से धनराशि वापस नहीं की जा सकी। योजना के दोबारा शुरू होने पर ही इन उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान होगा।
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