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    उत्तराखंड में गंगा किनारे बसे गांव खुले में शौच से मुक्त

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 24 Sep 2016 02:30 PM (IST)

    उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे बसे सभी गांवों खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो चुके हैं। उत्तराखंड खुले में शौच से मुक्त योजना में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों में शुमार है।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे बसे सभी गांवों खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो चुके हैं। उत्तराखंड राज्य देश के उन शीर्ष पांच राज्यों में शुमार है, जिन्होंने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) योजना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
    इस योजना में राज्य में 84 फीसद कवरेज हो गया है। उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार से 50 फीसद तक पूरी हो चुकी पेयजल योजनाओं और क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं के साथ ही शौचालयों के निर्माण से संबंधित योजनाओं के लिए भी धनराशि उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है।

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    केंद्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता समिति के सचिव परमेश्वरन अय्यर के साथ मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में स्वच्छता अभियान की प्रगति की जानकारी ली। केंद्रीय सचिव ने राज्य में योजना की बेहतर स्थिति को सराहा। नमामि गंगे योजना में राज्य के शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने पर उन्होंने बधाई दी।

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    मुख्य सचिव ने बताया कि पहले चरण में आठ जिलों को ओडीएफ बनाने के लिए 10 दिसंबर की टाइम लाइन तय की गई है। पौड़ी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और हरिद्वार दूसरे चरण में ओडीएफ होने हैं। इन जिलों के लिए मार्च, 2017 की टाइम लाइन तय की गई है। 25 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वच्छ भारत सप्ताह के तहत राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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    वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बाद केंद्र सरकार के सचिव परमेश्वर ने बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश नौ नवंबर तक ओडीएफ राज्य बनाने की है। उन्होंने पेयजल सचिव, वित्त सचिव एवं ग्राम्य विकास प्रमुख सचिव से शीघ्र योजना बनाने को कहा।
    उन्होंने कहा कि आपदाग्रस्त जिलों को आपदा राहत मद और भवन निर्माण कार्य से जुड़े पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को शौचालय निर्माण को 20 हजार की धनराशि श्रम के अंतर्गत प्राप्त होने वाले से दी जाएगी। शेष के लिए बजट की व्यवस्था को उन्होंने वित्त सचिव को निर्देश दिए।

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    केंद्रीय सचिव ने कहा कि राज्य की पेयजल योजनाओं में तकनीकी सहयोग आदि के लिए अक्टूबर के पहले हफ्ते में केंद्रीय टीम भ्रमण करेगी। उन्होंने पेयजल योजनाओं एवं ओडीएफ के लिए आवश्यक धनराशि एवं सहयोग का भरोसा दिया। बैठक में पेयजल सचिव अरविंद सिंह हयांकी, अपर सचिव आशीष जोशी, पेयजल प्रबंध निदेशक भजन सिंह मौजूद थे।

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