उत्तरकाशी में सोच और शौचालय के बीच बजट का रोड़ा
बजट ना होने पर उत्तरकाशी जिले के 130 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 4500 छात्र-छात्राओं को इस बार भी खुले में ही शौच जाना पड़ेगा।
उत्तरकाशी, [द्वारिका सेमवाल]: सोच और शौचालय के बीच बजट का अभाव रोड़ा बना हुआ है। नतीजा यह कि उत्तरकाशी जिले के 130 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 4500 छात्र-छात्राओं को इस बार भी खुले में ही शौच जाना पड़ेगा। इन स्कूलों के शौचालय पूर्ण क्षतिग्रस्त हैं। गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद एक जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे। शिक्षा विभाग ने मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के अनुसार मरम्मत पर 97 लाख रुपये का खर्च आएगा।
प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को सरकारी सिस्टम ही पलीता लगाने पर तुला है। दो साल से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन इन स्कूलों में शौचालयों की हालत नहीं सुधर सकी। जिले में कुल 102 प्राथमिक और 28 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे में जहां छात्र-छात्राओं को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति मोरी विकासखंड की है। यहां ऐसे विद्यालयों की संख्या 42 है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2015 में शासन को इस बारे में प्रस्ताव भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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उत्तरकाशी के मुख्य शिक्षा अधिकारी लीलाधर व्यास ने बताया कि अप्रैल में शासन को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। शासन ने इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर मई में प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन से बजट मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि बजट मिलेगा कब।
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बदहाल शौचालयों की ब्लाक वार संख्या
ब्लाक | प्रा. वि. | उ. प्रा.वि. |
भटवाड़ी | 8 | 4 |
डुंडा | 10 | 3 |
चिन्यालीसौड़ | 18 | 5 |
नौगांव | 19 | 7 |
पुरोला | 12 | 2 |
मोरी | 35 | 7 |