उत्तराखंड परिवहन निगम: बस सेवा से जुड़ेगा रोटी-बेटी का रिश्ता
उत्तराखंड परिवहन निगम भी भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा शुरू करने को प्रयासरत है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलते ही यह सेवा शुरू की जाएगी।
देहरादून, [अंकुर अग्रवाल]: 'भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा' के तहत अब उत्तराखंड परिवहन निगम भी नेपाल के लिए सीधी बस सेवा संचालित करने जा रहा है। पहले चरण में चार बसें दिल्ली से नेपाल के महेंद्रनगर और पोखरा शहर के लिए चलेंगी। निम्न और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए अभी इस मार्ग पर साधारण बसों को उतारा जा रहा है। परिणाम अच्छे रहे तो वातानुकूलित एवं वॉल्वो बसें भी दिल्ली या देहरादून से काठमांडू के लिए दौड़ेंगी।
रोडवेज एवं नेपाल के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हो चुकी है। भारत सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। उत्तराखंड और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। उत्तराखंड में नेपाली नागरिकों की बड़ी आबादी निवास करती है। लिहाजा, बस सेवा शुरू होने से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।
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बता दें कि भारत व नेपाल के बीच साल 2014 में 'भारत नेपाल मैत्री बस सेवा' के तहत दो रूटों पर सीधी बस सेवा शुरू की गई थी। जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने दिल्ली के आनंद विहार से नेपाल के महेंद्रगढ़ और वाराणसी से काठमांडू के बीच बस सेवा शुरू की थी। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम भी इस कवायद में जुट गया है।
इसी बीच बीती 11 जुलाई को उत्तर प्रदेश परिवहन ने आंनद विहार से नेपाल के पोखरा के बीच भी बस सेवा शुरू कर दी। यह वातानुकूलित बस सेवा 1300 किलोमीटर की दूरी 28 घंटे में तय कर रही है। हालांकि, नेपाली यात्रियों के खास वर्ग को देखते हुए उत्तराखंड रोडवेज फिलहाल साधारण बसें ही शुरू करेगा। इन बसों के संचालन के बाद भारत एवं नेपाल के बीच आवागमन सुगम होगा और यात्री आसानी से पोखरा तक जा सकेंगे।
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अभी सिर्फ बॉर्डर तक जाती है बस
उत्तराखंड रोडवेज की बसें अभी नेपाल बॉर्डर तक ही जाती हैं। उत्तराखंड के रुपड़िया से वाया हरिद्वार-देहरादून होकर हिमाचल के शिमला तक साधारण बस सेवा चलती है। रुपड़िया से अन्य साधनों से सवारियों को महेंद्रनगर जाना पड़ता है। निजी वाहन संचालक यात्रियों से मनमाना किराया लेते हैं। सीधी बस सेवा से यह धमा-चौकड़ी भी बंद होगी।
यात्रा में पहचान-पत्र जरूरी
भारत और नेपाल के बीच आवागमन के लिए यूं तो वीजा की जरूरत नहीं है, मगर बस सेवा में पहचान पत्र जरूरी होगा। इस दौरान यात्रियों को मतदाता पहचान पत्र या आधार कार्ड, पासपोर्ट, किसी भी सरकारी एजेंसी से जारी पहचान-पत्र में से एक को अपने साथ रखना होगा। यदि ये साधन न हों तो राशन-कार्ड को भी मान्य करने पर विचार किया जा रहा है।
यह होगी सफर की खासियत
-दिल्ली-पोखरा कुल दूरी 1300 किमी
-1100 किमी भारत में जबकि 200 किमी नेपाल में
-बस में कुल 54 सीटें होंगी
-दिल्ली से पोखरा का किराया लगभग 1500 रुपये
-दिल्ली-महेंद्रनगर कुल दूरी 1105 किमी
-1100 किमी भारत में जबकि पांच किमी नेपाल में
-दिल्ली से महेंद्रनगर का किराया लगभग 1250 रुपये
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अनापत्ति प्रमाण पत्र जल्द मिलने की उम्मीद: महाप्रबंधक
उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन के अनुसार, भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम तैयारी पूरी कर चुका है। भारत सरकार से बस संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र अभी नहीं मिला है। बातचीत चल रही है। प्रमाण-पत्र जल्द मिलने ही उम्मीद है। इसके जारी होते ही बस संचालन शुरू हो जाएगा। बस सेवा से नेपाल के पोखरा और महेंद्रनगर जैसे सुंदर पर्यटक स्थल पर आसानी से कम किराये में पहुंचा जा सकेगा।
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