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    वेतन मिला न पेंशन, बटुआ खाली; अभी दो दिन और इंतजार

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 04 Dec 2016 04:45 AM (IST)

    देहरादून के बैंकों में सीमित राशि होने के कारण वेतन भोगी और पेंशनर्स को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अधिकांश एटीएम भी खाली हो गए हैं। ऐसे में उन्हें सोमवार तक इंतजार करना होगा।

    देहरादून, [जेएनएन]: कर्मचारियों को वेतन और पेंशनधारकों को पेंशन के लिए अभी सोमवार तक इंतजार करना पड़ेगा। आरबीआइ से नई करेंसी न पहुंचने के कारण बैंकों से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा। निकासी के लिए दिनभर लोगों की कतारें बैंक व एटीएम पर लग रही है। स्थिति यह है कि जिन बैंकों ने एटीएम में पैसा डाला था, उनके भी अधिकांश एटीएम खाली हो गए। एटीएम में कैश की उम्मीद से खड़े लोगों को रीता बटुआ घर लौटना पड़ रहा है।
    महीने की शुरूआत के साथ कर्मचारी वेतन निकालने और बुजुर्ग खाते से पेंशन लेने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं। लेकिन, बैंकों में नकदी न होने के कारण उन्हें मायूस होना पड़ रहा।

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    बैंकों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है। राहत की बात यह रही कि बुधवार देर शाम पीएनबी को आरबीआइ से 31 करोड़ रुपये की नई करेंसी मिली थी, जिसे बैंक की शाखाओं में बांट दिया गया। दो दिन से बैंक शाखाओं में लोगों को कैश मिल रहा है।
    यह जरूर है कि बैंक के कुछ ही एटीएम पर कैश है। दो दिन में पीएनबी ने 20 करोड़ रुपये बांटे हैं। वहीं, एसबीआइ व अन्य बैंकों में नकदी की परेशानी हो रही है। बैंक यहां-वहां से इंतजाम कर लोगों को कैश बांट रहे हैं।
    एसबीआइ अंचल कार्यालय के उप प्रबंधक हरिओम रेखी ने बताया कि यदि शनिवार देर शाम तक आरबीआइ से करेंसी पहुंचती है तो सोमवार से हालात में सुधार आएगा।

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    जरूरत के हिसाब से दे रहे नकदी
    नकदी की कमी के कारण बैंक अब लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से भी नकदी दे रहे हैं। पीएनबी के अधिकारियों ने बताया कि बैंक शाखाओं में आने वाले लोगों में उन्हीं को 24 हजार रुपये दिए जा रहे, जिन्हें वास्तव में इतने की जरूरत है।
    अन्य लोगों को जरूरत के मुताबिक 10 हजार रुपये तक दिए जा रहे। बैंक ने जो भी नकदी आई थी, उसे शाखाओं में बांट दिया, ताकि वेतन व पेंशन लेने आने वालों को परेशानी न हो। इसके अलावा बैंक ने उन्हीं क्षेत्रों के एटीएम पर फोकस किया है, जहां लोगों की आमद ज्यादा है।
    दोपहर बाद अधिकांश एटीएम खाली
    शहर के अधिकांश एटीएम दोपहर बाद खाली हो गए। घंटाघर, एस्लेहॉल, चकराता रोड आदि क्षेत्रों में प्रमुख बैंकों के एटीएम में कैश खत्म हो गया। वहीं, छोटे बैंकों के एटीएम पूरी तरह से बंद रहे।

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    सर्कुलेशन न बढ़ने से आ रही दिक्कतें
    बैंकों में नई करेंसी न आने से तो नकदी की किल्लत है ही, इसका एक कारण यह भी है कि नोटबंदी के बाद बैंकों ने जितना पैसा बांटा, उसका आधा भी जमा नहीं हुआ। लीड बैंक अधिकारी गोपाल सिंह राणा ने बताया कि नोटबंदी के बाद बैंकों ने अपने पास जमा 100 व उससे छोटे नोट के रूप में 800 से हजार करोड़ रुपये बांटे, लेकिन इनमें से 10 फीसद भी सर्कुलेशन में नहीं आए। उन्होंने लोगों से अपील की कि नकदी को घरों में जमा न कर उसे सर्कुलेशन में लाएं।
    ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा परेशानी
    ग्रामीण अंचलों में बैंकों की शाखाओं व एटीएम में नकदी को लेकर ज्यादा संकट है। यहां सुबह से ही लोगों की भीड़ बैंक शाखाओं व एटीएम पर जुट रही है। लेकिन, घंटों लाइन में लगने के बाद भी पैसा नहीं मिल पा रहा। गढ़ी कैंट, नया गांव, सहसपुर, सेलाकुई, विकासनगर आदि क्षेत्रों में लोगों को मायूस लौटना पड़ रहा है।
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