Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोटबंदी: इस तरह एडजस्टमेंट कर चला रहे हैं घर खर्च, जानिए...

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 03 Dec 2016 06:45 AM (IST)

    नोटबंदी के बाद कैश की कमी के चलते आम व्यक्ति परेशान है। इसके बावजूद समझदार लोग थोड़ा एडजस्टमेंट कर आसानी से घर खर्च की गाड़ी चला रहे हैं।

    Hero Image

    देहरादून, [जेएनएन]: नोट बंदी में भी साहब के चेहरे पर सुकून का भाव देखा जा सकता है। यह सुकून पहली तारीख को खाते में पगार आने का नहीं, बल्कि नोट बंदी के चलते थोड़ा मुश्किल हुए हालात से पार पाने का है।
    केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा व सेवा कर के इन साहब को पहले से ही आभास था कि करेंसी की कमी के चलते उन्हें पहली तारीख को बैंक से रकम मिल पाना संभव नहीं। एटीएम से भी 2500 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकते। उनके सामने तीन हाउस मेड (घरेलू नौकर) के साढ़े पांच हजार रुपये, दूधवाले के तीन हजार रुपये और छोटे-मोटे कामों को मिलाकर चार-पांच हजार रुपये का खर्च है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें-व्यापारी ने बैंक को दिए 3.80 लाख के खुले नोट, रख दी ये शर्त

    लिहाजा, उन्होंने 28 तारीख को अपने तीन मित्रों से नौ हजार रुपये उधार ले लिए थे। इसके साथ ही अपने दो एटीएम कार्ड से दो-दो हजार रुपये निकाल लिए। दूध वाले को उन्होंने फिलहाल दो हजार रुपये का नया नोट और कुछ सौ के नोट थमाने का निर्णय लिया है।

    पढ़ें-एक रुपये के लिए बस में किया हंगामा, सीटीओ और कंडक्टर भिड़े
    तीन हाउस मेड को उन्होंने दो हजार के नोट देने की बात कही थी, लेकिन इसके छुट्टे हासिल करने में परेशानी का हवाला देते हुए उन्होंने खुशी-खुशी कह दिया कि वह बाद में भुगतान कर दें। इस तरह उनके पास कुछ रुपये घर खर्च के लिए बचे हैं और कुछ बड़ा खर्च हुआ तो शॉपिंग मॉल में डेबिट कार्ड स्वाइप कर काम चला लेंगे।

    पढ़ें:-अब भगवान को भी देना होगा नोटों का हिसाब-किताब
    लोनिवि के एक साहब किराये के घर में रहते हैं और हर माह 15 हजार रुपये का किराया अदा करते हैं। उन्होंने नए महीने के लिए सबसे पहले कई दिनों में एटीएम से दो-दो हजार रुपये कर किराये का इंतजाम किया। वह खुद को खुशकिस्मत मान रहे हैं कि बैंकों में नकदी समाप्त होने से पहले ही उन्होंने पिछले हफ्ते खाते से 24 हजार रुपये निकाल लिए थे।

    पढ़ें-नोटबंदी के बाद कैशलैस हुई मंडी में उधारी पर टिका व्यापार
    उनका कहना है कि खर्चों में कुछ कटौती कर यह महीना निकल जाएगा और अगले माह तक हालात सामान्य हो ही जाएंगे। नोटबंदी के बाद खर्च चलाने के जुगाड़ की यह कहानी महज दो लोगों की है, मगर हर कोई इसी तरह तमाम जतन कर महीने की गाड़ी आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है।
    पढ़ें:-चंपावत में सहकारी बैंक कर्मियों ने नोटबंदी के खिलाफ किया कार्य बहिष्कार