उत्तराखंड में डेंगू से सुन्न पड़ा स्वास्थ्य महकमा, चिकनगुनिया पर मौन
डेंगू पर अपनी फजीहत करा चुका स्वास्थ्य महकमा चिकनगुनिया पर मौन है। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर ही यह तस्दीक कर रहे हैं कि चिकनगुनिया के मामले लगातार सा ...और पढ़ें

देहरादून, [जेएनएन] डेंगू पर अपनी फजीहत करा चुका स्वास्थ्य महकमा चिकनगुनिया पर मौन है। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर ही यह तस्दीक कर रहे हैं कि चिकनगुनिया के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग इन्हें नकार रहा है। इतना ही नहीं, अस्पतालों में इसके टेस्ट तक की व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को जांच बाहर प्राइवेट लैब में करानी पड़ रही है।
दून मेडिकल कॉलेज में चिकनगुनिया की जांच के लिए भी तकनीशियन नहीं हैं। सीएमओ कार्यालय की ओर से यहां दो किट भेजी गई थी। लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने किट वापस भेज दी। ऐसे में अब अगर अस्पताल में कोई केस आए भी तो जांच के लिए उसे बाहर ही जाना पड़ेगा। जबकि, अस्पताल के ही फिजीशियन इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि हर पखवाड़े में चिकनगुनिया के कम से कम पांच संदिग्ध मरीज सामने आ रहे हैं।
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अस्पताल में जांच की व्यवस्था न होने पर उन्हें बाहर से जांच लिखनी पड़ रही है। एक बार मरीज बाहर गया तो उसका रेकार्ड भूल ही जाइए। दून ही नहीं, ऋषिकेश व हरिद्वार में भी चिकनगुनिया के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल के अनुसार किट मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करा दी गई थी। टेस्ट की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन को अपने स्तर पर करनी है।
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वहीं अस्पताल प्रशासन इसके पीछे कर्मचारियों की कमी को कारण बता रहा है। ऐसी स्थिति में न सिर्फ मरीज बाहर जांच कराने को मजबूर है, बल्कि डेंगू पर फजीहत झेल रहे विभाग को कहीं न कहीं चिकनगुनिया पर मौन धारण करने का भी बहाना मिल गया है। जबकि, ऐसे हर मामले की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाती है। ताकि इस तरह के रोगों के निदान के लिए न सिर्फ उपचारात्मक, बल्कि नीतिगत स्तर पर भी सहायता प्रदान की जा सके।
पांच दिन में 39 नए मामलों में डेंगू की पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बाद भी डेंगू का डंक कमजोर नहीं पड़ रहा। प्रदेश में बीते पांच दिन के भीतर 39 नए मामलों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसमें 32 मामले राजधानी से हैं। वहीं एक मरीज उत्तर प्रदेश, एक टिहरी और पांच मरीज हरिद्वार से सामने आए हैं। इसके बाद राजधानी में मरीजों की संख्या 1149 पंहुच गई है। जबकि, प्रदेश में डेंगू पीडि़तों की संख्या 1634 पार कर चुकी है।
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स्वाइन फ्लू पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
डेंगू के प्रकोप के बाद अब स्वाइन फ्लू की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया। स्वाइन फ्लू (एच1एन1) के नियंत्रण के लिए सभी जिलों में जिला सर्विलांस अधिकारी आइडीएसपी व एच1एन1 नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने सभी जिलों की रेपिड रिस्पांस टीमों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। साथ ही, रोजाना सर्विलांस रिपोर्ट भी मुख्यालय को उपलब्ध करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त निर्देश दिए।
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उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए जिला अस्पतालों व बेस अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएं। इन वार्ड में अस्पताल के फिजीशियन को नोडल अधिकारी नामित किया जाए। स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू (ओसल्टेमाविर) पर्याप्त मात्रा में जिला व बेस अस्पतालों में रखी जाए। साथ ही, आयुर्वेदिक दवा कालमेद्य भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखी जाए।
हरिद्वार में फॉगिंग मशीन को 15 लाख
जनपद हरिद्वार में डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग मशीन क्रय करने के लिए 15 लाख (पंद्रह लाख) रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया गया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की घोषणा के क्रम में इसका शासनादेश जारी किया गया है।
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