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    उत्तराखंड में बढ़ रहा डेंगू का डंक, सिस्टम पड़ा है अचेत

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 14 Oct 2016 03:00 AM (IST)

    दून डेंगू के प्रकोप से जूझ रहा है, लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी नींद में है। दून मेडिकल कॉलेज में एलाइजा जांच के लिए तैनात एक मात्र टेक्नीशियन गत तीन दिन ...और पढ़ें

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    देहरादून, [जेएनएन]: दून डेंगू के प्रकोप से जूझ रहा है, लेकिन सरकारी तंत्र अभी भी नींद में है। दून मेडिकल कॉलेज में इसकी बानगी साफ देखी जा सकती है। अस्पताल में एलाइजा जांच के लिए तैनात एक मात्र टेक्नीशियन गत तीन दिन से छुट्टी पर है। इसके चलते मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है और सैंपलों का अंबार लग गया है। मानकों के अनुसार जांच 24 घंटे के भीतर हो जानी चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए हैं।
    डेंगू और वायरल के बढ़ते प्रकोप के चलते अस्पताल में खून की जांच अधिक हो रही हैं। रोजाना अस्पताल में करीब 400 मरीजों की जांच हो रही है। इसके अलावा रोजाना 100 से अधिक जांच एलाइजा की हो रही हैं। विडंबना देखिए कि एलाइजा जांच के लिए अस्पताल में एकमात्र टेक्नीशियन है, जो इस समय छुट्टी पर हैं। ऐसे में अस्पताल में तकरीबन 350 सैंपलों का बैकलॉग हो गया है।

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    एक सीनियर लैब टेक्नीशियन के मुताबिक एलाइजा जांच सैंपल निकालने के 24 घंटे के भीतर हो जानी चाहिए। वैसे सैंपल को दो दिनों तक डीप फ्रीज करके भी रखा जा सकता है। लेकिन, इसके बाद जांच में एक्यूरेसी नहीं आ पाती। ऐसे में सैंपलों के खराब होने की संभावना भी बढ़ गई है। वहीं, जांच और कितने दिन नहीं होगी इस बारे में भी कहा नहीं जा सकता।
    प्रभारी सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल के मुताबिक उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। जांच के लिए टेक्नीशिन की व्यवस्था करना अस्पताल प्रशासन का काम है। इस बारे में जानकारी ली जाएगी।

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    केवल दो जगह ही होती है जांच
    राज्य में दून मेडिकल कॉलेज और एचआइएचटी जौलीग्रांट ही एलाइजा जांच के लिए अधिकृत हैं। इसके अलावा किसी अन्य अस्पताल की जांच मान्य नहीं है। ऐसे में जांच न होने के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है।
    चिकनगुनिया की जांच को तकनीशियन नहीं
    दून मेडिकल कॉलेज में चिकनगुनिया की जांच के लिए भी तकनीशियन नहीं है। सीएमओ कार्यालय की ओर से यहां दो किट भेजी गई थी। अस्पताल प्रशासन ने स्टाफ की कमी के कारण किट वापस भेज दी। ऐसे में अब अगर अस्पताल में कोई केस आए तो जांच के लिए उसे बाहर ही जाना पड़ेगा।

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    छुट्टी पर डेंगू भी 'ऑफ'
    स्वास्थ्य महकमे का हाल भी गजब है। प्रदेश में इस समय डेंगू का प्रकोप है, लेकिन छुट्टी के नाम पर विभाग डेंगू की रिपोर्टिंग भी नहीं कर रहे। शनिवार को जनपद स्तर की रिपोर्ट आई, पर स्वास्थ्य महानिदेशालय रिपोर्ट गोल कर गया। सोमवार को जो रिपोर्ट दी, उसमें आंकड़े दो दिन पुराने थे। दशहरा व मोहर्रम की छुट्टी पर रिपोर्ट भूल ही जाइए।
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