उत्तराखंड कांग्रेस के सामने पीडीएफ बना है सवाल, इसका चाहिए जवाबः किशोर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पीडीएफ के मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेसजनों और पार्टी के स्थापित नेताओं का उत्पीड़न होता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री हरीश रावत और पीडीएफ की ओर से प्रदेश कांग्रेस संगठन को दी जा रही नसीहत प्रदेश संगठन को नागवार गुजरी है। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पीडीएफ के मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेसजनों और पार्टी के स्थापित नेताओं का उत्पीड़न होता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सामने पीडीएफ सवाल की तरह है, इसका जवाब चाहिए। इसका रास्ता निकालना है। उन्होंने नसीहत दी कि समाधान तलाशने को पुल बनाने की कोशिश होनी चाहिए, खाई न खोदी जाए तो बेहतर होगा।
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कांग्रेस के साथ पीडीएफ (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट) के भविष्य पर फैसला लेने के सवाल पर मुखर प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इन दिनों सरकार और पीडीएफ के निशाने पर हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री हरीश रावत उन्हें परोक्ष तौर पर नसीहत दे चुके हैं कि पीडीएफ पर फैसला लेने का हक हाईकमान को है या उन्हें है।
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वहीं पीडीएफ की ओर से भी किशोर पर हमला बोला गया है। पीडीएफ और सरकार की ओर से हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पीडीएफ कोई फ्रंट नहीं है। बसपा के विधायकों ने अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर सरकार को समर्थन दिया है। पीडीएफ का राग अलापने वालों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया है या सरकार को।
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उन्होंने समर्थन दिया तो उसके एवज में उन्हें सम्मान भी दिया गया है। दोस्ती के प्राकृतिक सिद्धांत को पीडीएफ की बात करने वालों को भी समझना होगा। पीडीएफ पार्टी के सामने एक सवाल और चुनौती की तरह है।
किशोर उपाध्याय ने कहा कि पीडीएफ के मंत्रियों के क्षेत्रों में कांग्रेसजनों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के हितों की रक्षा उनकी जिम्मेदारी है। इससे वह मुंह नहीं मोड़ सकते। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी समस्या है, उसके समाधान का रास्ता निकलना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया के तौर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस के मुखिया के तौर पर उनकी कांग्रेस को सशक्त करने की सामूहिक जिम्मेदारी है। पार्टीजनों ने पिरामिड की तरह कांग्रेस को खड़ा किया है। उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।
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