खेती बचाने को सड़क पर उतरी नारी शक्ति, जोरदार प्रदर्शन
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती बचाने और राज्य सरकार की ओर से उचित प्रबंधन न किए जाने से नाराज नारी शक्ति का गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया।
द्वाराहाट, [जेएनएन]: अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती बचाने तथा बंदरों व अन्य जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिये ठोस नीति न बनाए जाने व अन्य ज्वलंत मुद्दों का निदान को मातृशक्ति सड़क पर उतर आई। महिला एकता परिषद के बैनर तले विभिन्न विकासखंडों से पहुंची नारी शक्ति ने एतिहासिक शीतला पुष्कर मैदान में तंत्र के खिलाफ हुंकार भरी।
विभिन्न विकासखंडों से महिलाओं का रेला द्वारहाट नगर में उमड़ पड़ा। प्रदर्शन करते हुए शीतला पुष्कर मैदान में पहुंची मातृशक्ति की महापंचायत हुई। परिषद की राज्य संयोजक अनुराधा पांडे ने कहा कि जंगली जानवरों के आतंक से गांवों की खेती बाड़ी बर्बाद हो चुकी है। जंगलों के लिए बनी सरकारी नीति ने ही जंगलों को उजाड़ दिया है। यही कारण है कि पहाड़ में पानी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। बुनियादी सुविधाएं न मिलने से पलायन के कारण गांव खाली होने लगे हैं।
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कार्यक्रम में द्वाराहाट के अलावा भिक्यासैंण, चौखुटिया व दन्या आदि क्षेत्रों से पहुंची अन्य वक्ताओं ने भी खेती-बाड़ी को जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद किए जाने, गांवों-गांवों में शराब पहुचाने, पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते ग्रामीण जीवन का दर्द बखूबी बयां कर व्यवस्था को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
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संचालन कर रही मधुबाला कांडपाल ने कहा कि पलायन की बातें हर कोई करता है। परंतु उसके स्थाई समाधान का रास्ता नही खोज जा रहा है। गांवों की खेती को सुरक्षित कर मूलभूत समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है।
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कहा कि इस बार चुनावों में उसी प्रत्याशी को वोट देंगे जो उपरोक्त समस्याओं के समाधान का लिखित भरोसा दे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड महिला परिषद संयोजक अनुराधा पांडे ने कहा कि पलायन की बातें हर कोई करता है। परंतु उसके स्थाई समाधान का रास्ता नही खोज जा रहा है।
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