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    शिष्य का अनशन तुड़वाया स्वामी शिवानंद ने खुद शुरू किया तप

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 28 Nov 2016 06:00 AM (IST)

    मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अन्न त्याग कर तपस्या शुरू कर दी है। उन्होंने दो दिसंबर से जल का भी त्याग कर कड़ी तपस्या करने की घोषणा की है।

    हरिद्वार, [जेएनएन]: गंगा में अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने पूर्व घोषणा के अनुसार सयंम व्रत शुरू कर दिया है। उन्होंने एलान कि इस दौरान वह सिर्फ जल ग्रहण करेंगे। यदि इसके बाद भी कार्रवाई न हुई तो दो दिसंबर से उग्र तप शुरू किया जाएगा और वह जल ग्रहण करना भी छोड़ देंगे। इससे पहले स्वामी शिवानंद ने 22 दिन से अनशन पर बैठे अपने शिष्य ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन समाप्त कराया।
    मातृ सदन में पत्रकारों से बातचीत में अपने सयंम व्रत का एलान करते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि सरकार अकर्मण्यता के लिए वह अपने किसी भी शिष्य की बलि नहीं होने देना चाहते।

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    इसीलिए आत्मबोधानंद का अनशन समाप्त कर वह खुद आगे आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध खनन के मामले में सरकार की नीति व नीयत दोनों साफ नहीं है। कहा कि 27 अक्टूबर से 27 नवंबर के बीच प्रशासन को गंगा तटों पर अवैध खनन की 42 शिकायतें एसएमएस के माध्यम से भेजी गईं, लेकिन किसी पर भी कार्रवाई नहीं की।
    शिवानंद ने आरोप लगाया कि सरकार व जिला प्रशासन कार्रवाई करना ही नहीं चाहते। इसीलिए निर्णायक लड़ाई में वह खुद के अपने प्राणों का उत्सर्ग करने को तैयार हैं।
    स्वामी शिवानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार के लिए अभिशाप बन गए हैं। आरोप लगाया कि सीएम खनन माफिया को संरक्षण देकर नियमों का मजाक उड़ा रहे हैं।

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