जवाहरबाग कांडः सीबीआइ पूछताछ में पहचाने गए रामवृक्ष की पीठ पर रखे हाथ
सीबीआइ ने जवाहरबाग कांड के मुख्य साजिशकर्ता रामवृक्ष की पीठ पर पीछे से हाथ रखने वालों की पहचान कर ली है। सीबीआइ अब पुख्ता सुबूत जुटा रही है।
मथुरा (जेएनएन)। सीबीआइ ने जवाहरबाग कांड के मुख्य साजिशकर्ता रामवृक्ष यादव की पीठ पर पर्दे के पीछे से हाथ रखने वालों की पहचान कर ली है। सीबीआइ अब इसके पुख्ता सुबूत जुटा रही है। जांच एजेंसी की दूसरी टीम हिंसा भड़कने के कारणों की वजह खोज रही है। वहीं एजेंसी की पुलिस, प्रशासन और जेल में बंद रामवृक्ष के साथियों से पूछताछ जारी है।
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सीबीआइ ने जवाहरबाग में हिंसा की जांच को दो भागों में बांटा हैं। पहला जवाहरबाग पर कब्जा होने से खाली कराने तक के बीच की कार्रवाई और दूसरा हिंसा भड़कने के पीछे क्या वजह रहीं। इसके लिए पुलिस, प्रशासन और हिंसा के मामले में जेल में बंद बंदियों से पूछताछ की जा रही है।
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रामवृक्ष यादव की पर्दे के पीछे से मदद करने वाले कौन थे, इसकी जानकारी सीबीआइ को पूछताछ में मिल गई है। प्रशासन बार-बार रामवृक्ष यादव को जवाहरबाग खाली करने के लिए नोटिस देने के साथ वार्ता कर रहा था। इसके बाद भी रामवृक्ष बाग को खाली करने को राजी नहीं हो रहा था।
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फोर्स के ऑपरेशन के दौरान हिंसा से पहले आवंटित फोर्स को मथुरा आने से रोकने के काम को रामवृक्ष यादव की मदद के नजरिये से सीबीआइ देख रही है। बाग में जमे कथित आंदोलनकारियों की राशन-पानी के लिए की जा रही आर्थिक मदद के स्रोत कौन थे, पुलिस-प्रशासन इन्हें हिंसा से पहले उजागर क्यों नहीं कर सका। इन स्रोतों तक पहुंचने का रास्ता भी सीबीआइ को मिल गया है।
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हालांकि पुलिस ने जेल में बंद राकेश गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद उसके राशन आपूर्तिकर्ता होने का दावा किया था। पुलिस का यह दावा जांच अधिकारियों के गले नहीं उतर रहा। आखिर ढाई-तीन हजार लोगों के खाने-पीने से लेकर अन्य जरूरतों की पूर्ति अकेले राकेश नहीं कर सकता। इसके पीछे किसी दूसरी ताकत के होने की आंशका भी सीबीआइ के मन में है। उसी गुत्थी को सुलझाने में लगी सीबीआइ को कुछ ऐसे लोगों के संबंध में जानकारी मिली है, जो रामवृक्ष यादव के मददगार थे, लेकिन कभी सामने नहीं आए।
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