प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़े रामगोपाल, बोले- मैं आज भी खुद को सपा का ही मानता हूं
समाजवादी पार्टी से निकाले गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव आज प्रेस कांफ्रेंस में रो पड़े। सपा से निष्कासित विधान परिषद सदस्यों की बैठक के बाद वह प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे।

लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी कुनबे में कलह की आंच अभी सुलग रही है। पार्टी से निकाले गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव आज प्रेस कांफ्रेंस में रो पड़े।
सपा से निष्कासित सांसद रामगोपाल यादव ने सैफई में आज पत्रकार वार्ता में सपा में मनमाने ढंग से टिकट वितरण का आरोप लगाया है। इस दौरान वह रो पड़े। उन्होने कहा की सभी निष्कासित नेताओ की वापसी हो।.टिकट वितरण में मुख्यमंत्री की सहमति हो। मुलायम सिंह यह घोषित करें कि चुनाव अखिलेश यादव के अगुवाई में लड़ा जायेगा। उन्होंने अपने योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी उन्होने खड़ी की। पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव के साथ।
उन्होने पार्टी का अधिवेशन बुलाने कि माँग की। बोले संसदीय दल के नेता पद से हटाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नेता जी को लोग गलत राय दे रहे हैं। वे मन से काम करते हैं तो उनसे शानदार नेता देश में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ईमानदार व्यक्ति पर नोट बदलाव के निर्णय से आम जनता परेशान है।अपने पैसे के लिये देश के आदमी को भिखारी बना दिया। नेता जी जब उन्हे बुलायेंगे तभी जायेंगे अपनी तरफ़ से कोई बात नहीं करेंगे। रामगोपाल जल्द ही एक किताब लिखेंगे जिसमें सारी बातें सामने लायेंगे।
देखें तस्वीरें : इटावा में प्रेस कांफ्रेंस में रो पड़े सांसद राम गोपाल यादव
इससे पहले कल उन्होंने इटावा में समाजवादी पार्टी से निष्कासित तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खास सिपहसलार नेताओं के साथ कई घंटे तक वार्ता भी की। अपने पत्रों व बयानों से सपा नेतृत्व के लिए सिरदर्द बने रामगोपाल यादव अभी शांत नहीं है। रामगोपाल यादव सपा से निष्कासित विधान परिषद सदस्यों के पक्ष में मजबूती से खड़े हैं। रामगोपाल ने आनंद भदौरिया, संजय लाठर, सुनील साजन, अरविंद यादव व उदयवीर सिंह के साथ लंबी मंत्रणा की जिसमें पार्टी के आंतरिक हालात पर चर्चा करने के साथ ही आगामी रणनीति पर भी विचार किया गया। बताया जा रहा है कि जल्द कोई बड़ा फैसला लिया लाएगा ताकि चुनाव से पहले स्थिति स्पष्ट हो सके। निष्कासित नेताओं की वापसी कराने के अलावा टिकटों के बंटवारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का दखल बढ़ाने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
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