रक्षाबंधन पर बहन ने दिया छोटे भाई को जीवनदान, किडनी देकर बचाई जान
रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहन से राखी बंधवाकर उसकी रक्षा का वचन देते हैं, लेकिन यहां एक बहन ने राखी बांधने के साथ ही अपने भाई को जीवनदान दिया। ...और पढ़ें

जेएनएन, मोहाली। यूं तो भाई रक्षाबंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवाकर उपहार देने के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं, मगर मोहाली में एक बहन ने अपने भाई के लिए जो किया, वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल है। हिमाचल की शिमला निवासी 37 वर्षीय रीटा देवी ने क्रोनिक किडनी फेल्योर (सीकेडी) पीडि़त अपने 35 वर्षीय छोटे भाई सुरेंद्र की जान बचाने के लिए रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व अपनी किडनी का उपहार देकर उसे जीवनदान दे दिया।
फोर्टिस हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने रविवार को बहन का एक किडनी सुरेद्र को ट्रांसप्लांट कर उसकी जिंदगी बचा ली। अस्पताल के कंसलटेंट, यूरोलॉजी और ट्रांसप्लांट सर्जरी डॉ. प्रियदर्शी रंजन ने ऑपरेशन किया। डॉक्टर रंजन ने बताया कि मरीज के क्रेएटिननाइन का स्तर धीरे-धीरे लगातार बढ़ रहा था और बीते 12 महीनों से किडनी के काम करने की प्रक्रिया लगातार प्रभावित हो रही थी।
यह भी पढ़ें: सतलुज में उफान के बाद भारत ने पाकिस्तान को छोड़ा पानी
कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में लग गए 15 दिन
रिश्तों को नया आयाम देने वाले इस महत्वपूर्ण अवसर पर डॉ. प्रियदर्शी रंजन ने कहा कि यह पूर्व प्रारंभिक किडनी ट्रांसप्लांट का अनूठा मामला है, जिसमें डायलिसिस की शुरुआत से पहले प्रत्यारोपण किया गया है। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसकी बहन रीटा देवी ने ट्रांसप्लांट के लिए अपनी किडनी दान करने का फैसला किया। इस ट्रांसप्लांट को करने के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगभग पंद्रह दिन लग गए।
भाई बोला, बहन रही पूरी जिंदगी की ताकत का आधार
सुरेंद्र, जो अब अस्पताल में ठीक हो रहे हैं, ने कहा कि मेरी बहन पूरे जीवन में मेरे लिए ताकत का आधार रही है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर मुझे किडनी दान के साथ एक नया जीवन दे रही है। अस्पताल के कर्मचारियों ने भाई और बहन के लिए एक छोटे से रक्षाबंधन समारोह का भी आयोजन किया।
यह भी पढ़ें: धार्मिक टिप्पणी मामले में फिर कोर्ट पेश नहीं हुई राखी, अरेस्ट वारंट जारी
भाई को ऐसा उपहार दिया, जिसे वह याद रखेगा
रीटा देवी ने कहा कि रक्षाबंधन एक ऐसा अवसर है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। मुझे खुशी है कि मैं अपने भाई को एक ऐसा उपहार दे सकी हूं कि वह पूरा जीवन उसके साथ रहेगा।
भाई-बहन से प्रेरणा लेकर दूसरों ने भी ली शपथ
फोर्टिस अस्पताल ने मौत के बाद अंगदान की जरूरत और इसके महत्व के बारे में आम लोगों को जागरूक किया। अंगदाताओं और प्राप्तकर्ताओं ने आम लोगों के साथ अपनी दास्तां को बांटा। रीटा देवी के भाई के प्रति बलिदान को सुनकर कई लोगों ने अंगदान करने की शपथ ली।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।