सतलुज में उफान के बाद भारत ने पाकिस्तान को छोड़ा पानी
सतलुज नदी में उफान के बाद भारत ने हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान की आेर 1600 क्यूसिक पानी छोड़ा है। नदी में जलस्तर बढ़ने से अधिकतर डैम लबालब हैं। ...और पढ़ें

फिरोजपुर, [प्रदीप कुमार सिंह]। भारत ने सतलुज नदी में उफान के बाद पाकिस्तान की ओर पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। सोमवार को पाकिस्तान को 1600 क्यूसिक पानी हुसैनीवाला हेड से छोड़ा। अभी और पानी छोड़ा जाएगा। लगातार हो रही बारिश से रंजीत सागर सागर, पौंग, भाखड़ा व नंगल डैम लबालब हो गए हैं। इसके साथ ही सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ते ही बीएसएफ सतर्क हो गई है।
बता दें कि भारत-पाकिस्तान की कई किलोमीटर सीमा रेखा सतलुज से होकर गुजरती है। सतलुज दरिया सात बार अंतरराष्टीय सरहद को क्रॉस करता है। बीएसएफ की कई चौकियां दरिया की तलहटी में बनी हैं। ऐसे में बीएसएफ को अपनी चौकियां जलस्तर कम होने तक पीछे खिसकानी पड़ती हैं। आंतकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बीएसएफ आधुनिक कैमरों, लाइट्स व मोटरबोट से लगातार पेट्रोलिंग करती है।
24 घंटे निगरानी कर रहीं टीमें
बाढ़ पर 24 घंटे टीमें निगरानी कर रही हैं। इसकी रिपोर्ट लगातार आ रही है। जिले के किसी भी हिस्से में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली है। पाकिस्तान को जो पानी छोड़ा जा रहा है, वह सामान्य प्रक्रिया है।
- रामवीर, डीसी फिरोजपुर।
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पाक की तरफ छोड़ा गया पानी
-2017 मेें हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को छोड़ा गया 1600 क्यूसिक पानी।
-2016 में हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को 2514 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था।
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-2017 में हरिके हेड से 3000 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा।
- 2016 में हरिके हेड से 5532 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2017 में रोपड़ हेड वर्क्स से 5620 क्यूसिक पानी छोड़ा गया
2016 में रोपड़ हेड वर्क्स से 9420 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2017 में नंगल डैम से 313 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2016 में नंगल डैम से 350 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2017 में रंजीत सागर डैम से 22268 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2016 में रंजीत सागर डैम से 6305 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2017 में पौंग डैम से 13011 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2016 में पौंग डैम से 6305 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2017 में भाखड़ा डैम से 14963 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
2016 में भाखड़ा डैम से 23708 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
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हरिके हेड की गेटों की मरम्मत का मिलेगा फायदा
50 करोड़ रुपये से हरिके हेड के गेटों की मरम्मत पहली बार हुई है। गेट खराब होने के कारण पानी हुसैनीवाला हेड की ओर ठीक से नहीं निकलता था। गेटों के पास बड़ी मात्रा में जमा रेत व मलबा निकाला गया है और खराब गेटों को बदला गया है। इससे फिरोजपुर, तरनतारन व कपूरथला में हेड के आसपास के किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ता था।

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