फेसबुक पर चैटिंग फोन से प्यार, संबंध बनाने के बाद जाति के नाम पर हुआ टकराव
युवक और युवती की फेसबुक पर दोस्ती हुई। यह दोस्ती परवान चढ़ी तो दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। लेकिन अब शादी के लिए जाति के नाम पर टकराव हो गया है। ...और पढ़ें

जेएनएन, अमृतसर। एक युवती को फेसबुक पर युवक के इश्क लड़ाना खासा महंगा पड़ गया। क्योंकि आरोपी ने पहले फेसबुक पर चेटिंग की और फिर फोन पर अपनी बातों के जाल में फंसा लिया। युवक ने युवती से शारीरिक संबंध भी बना लिए। यही नहीं, आरोपी उसे इधर-उधर घुमाने भी ले गया। युवक अब शादी से मना कर रहा है। मामला पुलिस में पहुंच गया है।
गेट हकीमां के पास रहने वाली रंजीत कौर (बदला हुआ नाम) के बयान पर गेट हकीमा थाने की पुलिस ने चमरंग रोड के एकता नगर निवासी दीपक, उसके पिता बलविंदर सिंह और मां सुखपाल कौर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पीडि़ता ने बताया कि 23 जनवरी 2014 को फेसबुक के माध्यम से उसकी मुलाकात दीपक से हुई थी। दीपक ने पहले संदेश में ही उसे दोस्ती का इजहार कर डाला।
कुछ दिन तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। इस दौरान दीपक ने उससे उसका मोबाइल नंबर मांगा। उसे लगा कि लड़का अच्छा है तो उसने दीपक को अपना मोबाइल नंबर दे डाला। इसके बाद दोनों दिनभर एक दूसरे के साथ बातें करते रहते। 18 फरवरी 2014 को वह जलियांवाला बाग के पास एक रेस्टोरेंट में मिले।
इसके बाद दोनों में प्रेम प्रसंग बढ़ते गए और दीपक ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। रंजीत कौर के मुताबिक, वह दीपक को मना नहीं कर पाई। उसने भी शादी के लिए हां बोल दी। इसके बाद दीपक उसे दो बार जम्मू के पास किसी धार्मिक स्थान पर ले गया और वहां जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
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हालांकि दीपक उसे अपनी पत्नी की तरह ही व्यवहार करता था। इसके बाद उसने दीपक पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। दीपक ने उसे अपनी मां सुखपाल कौर और पिता बलविंदर सिंह से भी मिलवाया। दोनों परिवारों ने रंजीत कौर और दीपक की शादी के लिए हामी भी भरी थी। लेकिन दीपक बार-बार शादी की तारीख आगे बढ़ाता रहा।
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इस दौरान दीपक उसे जलियांवाला बाग के पास एक होटल में भी लेकर जाता रहा। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि दीपक ने होटल के कमरों में कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। डेढ़ साल पहले दीपक ने उसे छोटी जाति की होने की बात कहकर शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने पुलिस को शिकायतें की। लेकिन पुलिस ने दीपक पर कोई कार्रवाई नहीं की।
डेढ़ साल बाद दर्ज किया केस
पीडि़ता ने बताया कि उसे दीपक और उसके परिवार के सदस्यों पर केस दर्ज करवाने के लिए डेढ़ साल लग गया। इस दौरान उसे कई थानों में जाकर पुलिस के उल्टे - सीधे सवालों का जवाब देना पड़ा। हालांकि इस तरह के मामलों में महिला जांच अधिकारी का होना जरूरी होता है। पीडि़ता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की जांच के चलते कई लोगों को इंसाफ तक नहीं मिल पाता। पुलिस अधिकारियों को जानना चाहिए कि जो आदेश एसी दफ्तरों में बैठक बना दिए जाते हैं। निचले स्तर के अधिकारी उनपर गौर तक नहीं करते।
होटल बिना आइडी के दे रहा था कमरे
जलियांवाला बाग के पास सैकड़ों होटल बन चुके हैं। उक्त मामले ने स्पष्ट कर दिया कि शहर में कई होटलों में बगैर पहचान के ही होटल मिल जाते हैं। पीडि़ता का आरोप है कि उसका प्रेमी उसे जलियांवाला बाग के पास एक होटल में कई बार लेकर गया। जबकि स्थानीय पहचान पत्र के आधार पर कोई भी होटल प्रबंधन किसी व्यक्ति को होटल में कमरा नहीं देता।
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर विपन कुमार ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसिलिंग करवाई गई थी। इस तरह के मामलों में तीन से चार बार दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी बात सुनी जाती है। गलत फहमियां निकाली जाती है। इस मामले में पुलिस के सहयोग से एक बार दोनों की शादी भी पक्की हो गई थी। लेकिन लड़का शादी की बात से फिर मुकर गया।

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